2019 के लोकसभा चुनावों के पहले सभी की नजर कैराना सीट पर होने वाले उपचुनाव पर लगी हुई है। कर्नाटक में सियासी घटनाक्रम के बाद बीजेपी को राज्य की सत्ता से हाथ धोना पड़ा। इसके बाद अब भाजपा पर स्वयं भी कैरान जीतकर खुद को जनता के बीच स्थापित करने का दबाव है। कैराना में जहाँ सीएम योगी से लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्य समेत तमाम मंत्रियों ने डेरा जमाया हुआ है तो वहीँ विपक्ष भले एकजुट होकर ये चुनाव लड़ रहा हो लेकिन अभी तक प्रचार अभियान सिर्फ रालोद संभाले हुए है। इसके अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अभी तक जिले में एक जनसभा नहीं की है जिस पर अब बड़ा खुलासा हो गया है।
सपा कार्यकर्ता माँग रहे वोट :
गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा का उपचुनाव भाजपा को हराने के बाद सपा और उसके कार्यकर्ताओं में एक नया जोश आ गया है। वे मानने लगे हैं कि यदि सभी दल एकजुट हो जाएँ तो बीजेपी को हराया जा सकता है। पिछले उपचुनावों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की ख़ास भूमिका रही थी। उन्होंने एक के बाद एक रैलियाँ करते हुए भाजपा नेताओं के दावे को धरा बताते हुए जीत दर्ज की थी। लेकिन कैराना उपचुनाव में कुछ अलग ही नजारा दिख रहा है। यहाँ पर सिर्फ सपा कार्यकर्ता ही प्रचार अभियान को संभाले हुए हैं। हालाँकि सपा के कई सांसद और विधायक कैराना में देर जमाए हैं हैं जमकर पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं।
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अभी तक नहीं आया प्रोग्राम :
भाजपा और विपक्ष के गठबंधन के लिए 28 मई को कैराना लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव कई मायनों में अहम है। रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह से लेकर उपाध्यक्ष जयंत चौधरी समेत सपा के कई बड़े नेताओं ने कैराना में डेरा जमकर धुआंधार प्रचार अभियान शुरू किया हुआ है। वहीँ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कैराना से दूरी बनाई हुई है। अब खबरें आ रही हैं कि अखिलेश यादव कैराना में गठबंधन के प्रत्याशी के लिए प्रचार नहीं करेंगे। सपा के प्रदेश सचिव जगपाल दास से बात करने पर उन्होंने कहा कि अभी तक अखिलेश यादव का कोई प्रोग्राम हमें नहीं मिल पाया है। उन्होंने अगर शनिवार से पहले उनका कोई प्रोग्राम आता है तो निश्चित रूप से मीडिया को जानकारी दी जायेगी।