जौनपुर में करीब 11 साल पहले श्रमजीवी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेन में हुए विस्फोट के मामले में आज जौनपुर के अपर सत्र न्यायालय ने बांगलादेशी नागरीक मोहम्मद आलमगीर को दोषी माना है। वहीं, इस मामले के दोषियों को कल सजा सुनाई जाएगी। श्रमजीवी एक्सप्रेस विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हुए थें। यह घटना 28 जुलाई 2005 की है।
- 28 जुलाई को शाम 5:20 बजे जौनपुर जिले के हरपालगंज स्टेशन के आगे हरिहरपुर रेलवे क्रॉसिंग पर यह घटना घटी थी।
- मामले में आरोपी बांगलादेश के मोहम्मद आलमगीर उर्फ रोनी को दोषी करार दिया गया।
- इस मामले के दूसरे आरोपी ओबेदुर्रहमान पर फैसला टल गया है।
- ओबेदुर्रहमान के बारे में 2 अगस्त को फैसला सुनाया जाएगा।
- इसके अलावा अन्य आरोपी हिलाल और नफीकुल विश्वास दूसरे मामले में आंध प्रदेश के हैदराबाद में चेरापल्ली जेल में बंद हैं।
- विस्फोट कांड का मास्टर माइंड कंचन उर्फ शरीफ अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।
- आरोपी याहिया उर्फ गुलाम पजदानी की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो चुकी है।
- वहीं आरोपी डाक्टर सईद के नाम-पता की जांच पूरी नहीं हुई है।
- इस पूरे मामले में सात लोगों को आरोपी बनाया गया है।
- घटना के बाद ट्रेन के गार्ड जफर अली ने जीआरपी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
11 साल से है न्याय की उम्मीदः
- इस घटना को एक बड़ी साजिश के तहत अंजाम दिया गया था।
- उस वक्त तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव भी यहां आये थे और घायलों से मिले थे।
- बाद में विवेचना के समय इस घटना में लश्कर और हूजी आतंकी संगठनों का नाम सामने आया था।
- फिलहाल यह मामला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम बुधिराम यादव की अदालत में है।
- इस मामले में वादी पक्ष की तरफ से जौनपुर के मृतक अमरनाथ के परिजन, घायल मदनलाल सेठ, उनका लड़का शिवम सेठ, गोरखनाथ निषाद और रीतेश पिछले 11 साल से अदालत से न्याय की उम्मीदें बांधे हुए हैं।