अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर को सम्मानित किया गया। उनको यह सम्मान तीन तलाक पर कानून बनाने की पहल करने को लेकर सांसद कौशल किशोर ने द्वारा किया गया। हजरतगंज स्थित प्रेस क्लब में आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं के शोषण के खिलाफ आवाज उठाई गई।
इस मौके पर आल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर ने कहा है कि अगर पर्सनल लॉ बोर्ड महिलाओं की बात सुनता तो महिला पर्सनल लॉ बोर्ड को नए कानून बनाने की बात नहीं करनी पड़ती। पर्सनल लॉ बोर्ड गुस्से और नशे की हालत में दिए तलाक को वैलिड मान लेती थी। इन सब मुद्दों को लेकर हम लोग सुप्रीम कोर्ट में लड़े हैं। मौजूदा ट्रिपल तलाक बिल में अभी काफी बदलाव की जरूरत है। हम न ही इस बिल के फेवर में हैं न ही विरोध में हैं। शाइस्ता अम्बर, सांसद कौशल किशोर समेत कई तलाक पीड़ित महिला कार्यक्रम में मौजूद रहीं।
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मोबाइल पर दिए जा रहे तलाक के कारण जाना पड़ा सुप्रीम कोर्ट
प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि विदेशों में रह रहे एनआरआई लोगों ने फोन पर ह्वाट्सअप पर मेल पर ही तलाक दे देते थे जो शरीयत के बिलकुल खिलाफ है। काजी को चाहिए कि दोनों पक्षों को बुलाकर शरीयत के हिसाब से तलाक करवाए। यदि ऐसा होता तो हमें अदालतों में जाना नहीं पड़ता।
बिल यदि षरीयत के खिलाफ तो सबसे पहले मैं करूंगी विरोध
कहा कि सरकार द्वारा तीन तलाक बिल को हम पूरी तरह से समर्थन भी नहीं देते है और विरोध भी नहीं कर रहे हैं। इस बिल में संशोधन हेतु सुझाव भेजा गया है। यदि बिल शरीयत के खिलाफ होगी तो सबसे पहले मैं इस बिल के खिलाफ सड़क पर उतरेंगी।