इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमीन पर अतिक्रमण कर मस्जिद निर्माण करने के मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया है। सोमवार को हाईकोर्ट ने आपसी सहमति से अतिक्रमण हटाने का आदेश दे दिया। चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने यह आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 17 जुलाई को होगी।
क्या है पूरा मामला
- इलाहाबाद हाईकोर्ट की जमीन पर अतिक्रमण कर मस्जिद का निर्माण किया गया है।
- मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में अवैध निर्माण का साइट प्लान भी पेश किया गया।
- वहीं, एलडीए ने भी हाईकोर्ट में अपना साइट प्लान पेश किया।
- हाईकोर्ट इस मामले में वक्फ बोर्ड को नोटिस भी जारी कर चुकी है।
- अधिवक्ता अभिषेक शुक्ला ने दाखिल की है याचिका।
- योगी सरकार का भी यही मानना है कि हाईकोर्ट की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है।
- वक्फ बोर्ड समेत सभी पक्षकार अपना-अपना हलफनामा कोर्ट में दाखिल कर चुके हैं।ये भी पढ़ें: दहेज उत्पीड़न मामले में बलदेव सिंह औलख द्वारा दबाव डालने पर HC सख्त!
क्या कहती है सरकारी रिपोर्ट
- बीते 8 जनवरी, 2016 को नजूल एडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 17 जुलाई, 1998 को निरीक्षण के दौरान यहां कोई मस्जिद नहीं थी।
- 6 दिसंबर, 1999 को भी नजूल ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यहां कोई मस्जिद नहीं है।
- आरोप है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के गेट नम्बर-5 के सामने निर्माणधीन एनेक्सी बिल्डिंग के पीछे करीब 1200 वर्ग मीटर भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है।ये भी पढ़ें: यूपी पुलिस में जबरदस्त ‘सोशल इंजीनियरिंग’, आंकड़े बोलते हैं!
ऐसे हुई मस्जिद बनाने की शुरुआत
- सूत्रों की मानें तो, हाईकोर्ट परिसर में संबंधित जगह पर पहले कुछ वकीलों ने टीन शेड लगाकर नमाज पढ़ना शुरू किया।
- धीरे-धीरे कोर्ट के सभी मुस्लिम वकील हर शुक्रवार को यहां नमाज पढ़ने के लिए आने लगे।
- कुछ दिनों बाद कोर्ट के जस्टिस भी यहीं आकर नमाज पढ़ते रहे।
- अब मामले में अतिक्रमण को लेकर सुनवाई जारी है।
- 17 जुलाई को मामले की अगली सुनवाई है।ये भी पढ़ें: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी: जानिए किस दिन खाली होगा कौन सा हॉस्टल!