उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा संचालित होने वाली पीसीएस परीक्षा में वर्ष 2017 की पीसीएस प्री के रिजल्ट में संसोधन होंगा. कोर्ट ने दो प्रश्नों के उत्तर बदल कर पुनः परिणाम जारी करने का आदेश दिया है.
677 पदों पर होना था चयन:
इलाहबाद हाई कोर्ट में दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश पंकज मित्तल और न्यायाधीश सरल श्रीवास्तव की खंडपीठ ने ने पीसीएस प्री की परीक्षा के रिजल्ट में संसोधन का आदेश जारी किया है. याचिका में प्री के पांच सवालों को कोर्ट में चुनौती दी गई थी. जिसके बाद कोर्ट ने PCS 2017 प्रारम्भिक परीक्षा के एक प्रश्न को डिलीट करने का आदेश दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने पांच में तीन सवालों को गलत करार दिया. अब कोर्ट ने दो प्रश्नों के उत्तर बदल कर पुनः परिणाम जारी करने का आदेश दिया है.
गौरतलब है कि पीसीएस प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम आने के बाद धनन्जय सिंह सहित सैकड़ों अन्य अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में प्री परीक्षा के गलत सवालों को चुनौती दी थी. जिसके बाद कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ ने प्री में पूछे गये 5 सवालों ने से 3 सवालों को गलत बताया इसके अलावा एक प्रश्न को हटाने का आदेश जारी किया है.
14032 अभ्यर्थी हुए थे पास:
बता दे कि साल 2017 में लोक सेवा आयोग ने 677 पदों के लिए आवेदन मांगे थे. जिसमे भर्ती के लिए 455297 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. पीसीएस की प्रारम्भिक परीक्षा के लिए में 246654 अभ्यर्थी शामिल हुए थे. 24 सितम्बर 2017 पीसीएस प्री की परीक्षा हुई थी. जिसके बाद 19 जनवरी 2018 को आयोग ने प्री परीक्षाओ का रिजल्ट जारी कर दिया था. घोषित रिजल्ट में 246654 अभ्यर्थियों में से 14032 अभ्यार्थियों को मुख्य परीक्षा के लिये पास हुए थे.
कोर्ट के इस फैसले के बाद पास हुए अभ्यर्थियों में निराशा है. वही याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों का कहना है कि उनका कहना है कि गलत प्रश्नों को हटाने के बाद भी मेरिट 200 के पूर्णांक पर तैयार की गई है. इनकी मांग थी कि गलत प्रश्नों को हटाने के बाद पहला पेपर जिसमें 150 प्रश्न होते हैं कि मेरिट 145 प्रश्नों और दूसरा पेपर, जिसमें 100 प्रश्न होते हैं कि मेरिट 95 प्रश्नों के आधार पर बनाई जाए। परीक्षार्थियों का कहना था कि प्रश्नों को हटाने के बाद आयोग फार्मूले से नंबर निर्धारित करता है, जो बहुत विश्वसनीय नहीं है.