पूरे देश में गौतम बुद्ध की जयंती यानि बुद्ध पूर्णिमा बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। इसी दिन भगवान बुद्ध को बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी। आज का दिन बौद्ध धर्म को मानने वाले विश्व में 50 करोड़ से अधिक लोग इस दिन को उनके निर्वाण दिवस के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।
सोमवार को वैशाख मास की पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम नगरी इलाहबाद में आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने पूजा पाठ कर भगवन बुद्ध का स्मरण किया। इस दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इसी दिन बोधगया में पीपल के वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व की प्राप्ति हुई थी और वैशाख पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध ने गोरखपुर से 50 किलोमीटर दूर स्थित कुशीनगर में महानिर्वाण की ओर प्रस्थान किया था। हिन्दू धर्मावलंबियों के लिए बुद्ध विष्णु के नौवें अवतार हैं। अतः हिन्दुओं के लिए भी यह दिन पवित्र माना जाता है।
इसी कारण बिहार स्थित बोधगया नामक स्थान हिन्दू व बौद्ध धर्मावलंबियों के पवित्र तीर्थ स्थान हैं। गृहत्याग के पश्चात सिद्धार्थ सात वर्षों तक वन में भटकते रहे। यहाँ उन्होंने कठोर तप किया और अंततः वैशाख पूर्णिमा के दिन बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें बुद्धत्व ज्ञान की प्राप्ति हुई। तभी से यह दिन बुद्ध पूर्णिमा के रूप में जाना जाता है।