[nextpage title=”text” ]
घपलेबाज संजीव सरन (ias sanjeev saran) के जाते ही वन विभाग में घोटालों की पोटली खुल रही है। संजीव सरन के मोहरे वन विभाग के बने दुश्मन लाइन सफारी में उपकरण खरीद के नाम पर 9 करोड़ की बंदर बांट करोड़ों खर्च होने के बावजूद मंशा पर खरा लायन सफारी खरा नहीं उतरा।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर बोला हमला!
- बता दें कि लायन सफारी के डॉयरेक्टर केके श्रीवास्तव हैं।
- घपलेबाज संजीव सरन के करीबी बरेली चीफ कंजर्वेटर वीके सिंह भी लापरवाह काफी लापरवाह हैं। वीके सिंह की लापरवाही से टाइगर रिजर्व तबाह हो रहा चुका है।
वीडियो: पति के साथ प्रेमिका ‘ये’ करते मिली तो पत्नी ने की धुनाई!
तीन माह में 14 जंगली जानवरों की मौतें
- यहां आसपास के इलाके में पिछले तीन माह में हुई 14 जंगली जानवरों की मौतें हो चुकी हैं।
- वहीं टाइगर भी काबू से हो चुके हैं बताया जा रहा है कि अब तक 15 टाइगर के शिकार किये जा चुके हैं।
- वीके सिंह और केके सिंह संजीव सरन के फर्जीवाड़ों के साथी कई पेट्रोल पंप के संचालक भी हैं। फैजाबाद के चीफ ओपी सिंह भी संजीव के करीबी हैं।
- इनके गोमती नगर समेत कई जगह पेट्रोल पंप हैं।
- मास्टर माइंड रूपक डे ने सपा सरकार में योजनाओं के नाम पर खूब लूट की।
- सरकार को गुमराह करने में रूपक डे को महारत हासिल है।
- जब तक ये घपलेबाज नहीं हटेंगे तब तक कैसे सुधरेगा बेपटरी हुआ यूपी का वन विभाग यह एक बड़ा सवाल है।
दारोगा ने ली पीड़ित से रिश्वत, वीडियो हुआ वॉयरल!
अगले पेज पर पढ़ें कुछ खास रिपोर्ट:
[/nextpage]
[nextpage title=”text” ]
3 पेज के लेटर बम ने मचाया हड़कंप
यूपी ब्यूरोक्रेसी में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश और अब सीएम योगी के करीबी बन रहे सीनियर आईएएस (ias sanjeev saran) पर करप्शन बम फूटा है।
- सीनियर आईएफएस ने विभाग के प्रमुख सचिव पर नोटबन्दी के दौरान करोड़ों के नोट बदलने, लंदन दुबई, यूरोप में आईएएस के होटलों के प्रचार के लिए विभाग के मेगा प्रोजेक्ट के दुरूपयोग का खुलासा करते हुए तीन पेज की चिट्ठी लिखी है।
- इस काले चिट्ठे के खुलने के बाद लखनऊ, नोयडा, लन्दन, दुबई की अरबों की सम्पत्ति का किया खुलासा करते हुए साथी आईएफएस को भी लपेटा गया है।
- बदले में जब प्रिंसिपल सेक्रेटरी ने गलत तरीके से कागजी कार्रवाई तो आईएफएस ने चिट्ठी लिखकर चेतावनी तक दी चेतावनी है कि सीएम योगी के जनता दरबार में सारे सबूत पेश कर दूंगा।
- इसके बाद से महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है।
ये भी पढ़ें- डीएम आवास के सामने 1.60 लाख, कृष्णानगर में 5 लाख की लूट!
चिट्ठी में लगाए गए ये आरोप, फूटा गुस्सा
- चिट्ठी में लिखा गया है कि कृपया मेरे अर्धशासकीय पत्रांक 1735/2-1 दिनांक 26 मई 2017 तथा आपको पृष्ठांकित पत्रांक 1794 बजे 21 दिनांक 2 जून 2017 का संदर्भ ले जिसमे मैंने आपको अवगत कराया था कि प्रभागीय वनाधिकारी आगरा तथा आगरा जीवन में अनुशासन हीनता फैलाई जा रही है।
- इसके पीछे उनको आप का संरक्षण प्राप्त है।
ये भी पढ़ें- RTI: सरकारी कर्मचारियों को 45 लाख, आम नागरिक को ठेंगा!
- मुझे ज्ञात हुआ है कि अभी हाल में दिनांक 1 जून को आप नोएडा से लखनऊ आने के लिए आगरा में खंदारी स्थित टोल बैरियर पर गौतम बुद्ध नगर की सरकारी गाड़ी से पहुंचे थे।
- जहां लखनऊ के आई Innova गाड़ी और एक Scorpio गाड़ी जिसमें चार फॉरेस्ट गार्ड सवार रहते हैं।
- जो आपके बतौर स्कार्ड चलती है वहां आई थी और वहां पर अपने प्रभागीय निदेशक आगरा को बुलवाया था।
- वहां स्थित ढाबे पर उनके लगभग आधा घंटा के लिए बैठकर खाना खाया।
- उस दौरान बन विभाग के किसी कर्मचारी को अपने पास आने से मना किया था।
- अत्यंत आश्चर्य की बात है कि आप राज्यकीय दौरे प्रत्यय आपको आगरा याद रखना था।
- तो आपको मुझे सूचित करना चाहिए था।
- ताकि मैं आपसे मिलकर राजकीय कार्यों के संबंध में वार्ता कर सकता था।
- आपने क्यों मुझे बुलाने की आवश्यकता नहीं समझी और क्यों आपने प्रभागीय निदेशक आगरा को बुलाकर वहां अकेले बैठकर खाना खाया।
- यह स्पष्ट अंदाजा लगाया जा सकता है कि आपका के के सिंह प्रभागीय निदेशक आगरा से कितना हसीन घनिष्ठ संबंध है।
- इसी कारण मेरे द्वारा बार-बार लिखने के बावजूद उक्त अधिकारी फरवरी बहुत दूर एंट्री से भारतीय वन विभाग सेवा में आया है।
ये भी पढ़ें- RTI: सरकारी कर्मचारियों को 45 लाख, आम नागरिक को ठेंगा!
- आपका संरक्षण लगातार बना हुआ है।
- मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं रहा कि ओखला बर्ड सेंचुरी के ग्रेटर नोएडा की साइड में सौ मीटर का इको सेंसिटिव जोन निर्धारित की प्रस्तुति करने में बिल्डरों द्वारा तत्कालीन सीईओ के माध्यम से आपको दो फ्लैट एक करोड़ रुपया दिए जाने की तत्कालीन प्रभागीय निदेशक नोएडा को एक फ्लैट में एक करोड़ रुपए दिए जाने की जो गोपनीय जानकारी उपलब्ध है।
- उसमें सत्यता है अगर वन विभाग में नोटबंदी के दौरान लगभग 2 करोड़ रुपए की पुरानी करेंसी नई करेंसी में बदले जाने की जानकारी है।
ये भी पढ़ें- सीएम के काफिले को काला झंडा दिखाने वाले 14 आंदोलनकारी भेजे गए जेल!
- जिसमें बताया जाता है कि वह पुराने नोट आपके इसी प्रकार पूरे प्रदेश में जहां-जहां इंटरस्टेट पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 26 अप्रैल 2016 के सभी राज्य के अंदर प्रवेश करने वाले वाहनों के रजिस्ट्रेशन फीस नहीं ली गई है।
- परंतु उसे चलान द्वारा बैंको में पुरानी करेंसी के रूप में जमा किया गया है।
- इस प्रकार करीब 15 से 20 करोड रुपए पुरानी करेंसी को नई करेंसी में बदलने की जानकारी है।
- आप की केके सिंह से कदाचित इन कारणों से रही घनिष्ठता ही आगरा जोन में अनुशासन हीनता का सबसे बड़ा कारण है।
- यह भी गोपनीय जानकारी है कि आपने (ias sanjeev saran) लंदन, दुबई स्थित होटलों का प्रचार हेतु केके सिंह को आगरा में इस लिए तैनात किया क्योंकि यहां पूरे देश से पर्यटक आते हैं।
ये भी पढ़ें- सीएम योगी के काफिले पर हमला, पूरी घटना कैमरे कैद!
ये भी पढ़ें- सीएम के काफिले को काला झंडा दिखाने वाले 14 आंदोलनकारी भेजे गए जेल!
[/nextpage]