यूपी में आईएएस अफसरों को लेकर विवाद थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है. अपर मुख्य सचिव वन संजीव शरण को लेकर अभी विवाद थमा नहीं था कि एक और नया मामला सामने आ गया. ताजा मामला महिला कल्याण विभाग से जुड़ा हुआ है. प्रमुख सचिव महिला कल्याण रेणुका कुमार (ias renuka kumar) पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
करोड़ों के हेरफेर के आरोपों की घिरीं आईएएस अफसर:
- रेणुका कुमार पर दलालों को संरक्षण देने और एक संस्था को नियमों के विरुद्ध करोड़ों का भुगतान करने का आरोप है. एनजीओ को करोड़ो रुपए देने का भी आरोप लगाया गया है.
- आश्चर्यजनक रूप से यह आरोप भवानी सिंह ने लगाया है. भवानी सिंह महिला कल्याण विभाग के तत्कालीन निदेशक के पद पर थे और मौजूदा समय में बागपत के DM हैं.
- 2 आईएएस अफसरों के बीच जंग सडकों तक आ पहुंची है. प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में एक के बाद एक अफसरों को लेकर हो रहे खुलासों से सरकार की मुश्किलें बढ़ रही हैं. यह मामला काफी कुछ वैसा ही है जो संजीव सरन प्रकरण के बाद खुलकर सामने आया था.
- ठीक उसी प्रकार से भवानी शरण सिंह ने भी एक लेटर के जरिए इसका खुलासा किया है. पूरे मामले के दौरान तीन चिट्ठियों को सार्वजनिक किया गया है.
तत्कालीन निदेशक पद पर कार्य करते समय के वाकये का किया है जिक्र:
- भवानी सिंह ने रेणुका कुमार की कार्यशैली पर सीधे सवाल उठाया है.
- उन्होंने कहा कि यह काम सही से नहीं करती हैं. वहीं उन्होंने दलालों को संरक्षण दे रखा है.
- एक एनजीओ को भी करोड़ों रुपए देने का और जमीन आवंटित करने के भी मामले में इन्होंने रेणुका कुमार पर आरोप लगाया है.
- विभागों के अफसरों पर दबाव बनाकर करोड़ों रुपए का भुगतान कर एनजीओ को बिना किसी प्रतिस्पर्धा और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत लाभ पहुँचाया गया.
- भवानी सिंह ने रेणुका कुमार के साथ पत्राचार का भी उल्लेख किया है.
- उन्होंने यह भी कहा है कि वह पूरे मामले को सीएम आदित्यनाथ, मुख्य सचिव से मिलकर उनके सामने यह पूरी बात रखेंगे.
- उन्होंने कहा कि वो सीएम से मामले की जाँच करने की मांग करेंगे.
- तत्कालीन सत्ताधारी दल के लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए गलत तरीके अपनाये गए.
भवानी सिंह ने रेणुका कुमार के खिलाफ खोला मोर्चा:
- रेणुका भवानी सिंह कहते हैं कि यह पत्र उस वक्त का है जब वह महिला कल्याण विभाग में निदेशक के पद पर तैनात थे.
- पत्र प्रमुख सचिव रेणुका कुमार के पत्रों के जवाब में लिखे गए थे.
- विभाग की योजनाओं के संबंध में हम दोनों के मत एक नहीं थे.
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना की गाइडलाइन का अतिक्रमण करने का भी आरोप लगाया है.
- वह निदेशक की आपत्तियों को नजरअंदाज करते हुए अपने ढंग से विभाग के अफसरों पर दबाव बनाकर काम कराती थी.
- फिलहाल मैं उस विभाग में नहीं हूं.
- उन्होंने कहा है कि रानी लक्ष्मीबाई महिला सम्मान भी तत्कालीन सीएम के अनुमोदन पर दिए गए.
- यह सूची पंचायती राज विभाग देता है.
- इसके अलावा मेघावी छात्र छात्राओं को पुरस्कार दिए गए थे.
- पुरस्कारों में कोई गड़बड़ी नहीं है.
- केंद्र सरकार से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तरफ से पैसे मिले थे.
- इसे 17 जिलों में अवेयरनेस के काम में लगाया गया.
- उन्होंने कहा कि भवानी सिंह ने जो भी आरोप लगाए हैं वह पूरी तरह से बेबुनियाद हैं.
- एनजीओ की जमीन को तत्कालीन सीएम के अनुमोदन पर दी गई थी.
- एसिड पीड़ितों को कैफे चलाने के लिए जमीन दी गई थी.
- यह जमीन एलडीए की है.
- भवानी सिंह जब विभाग में थे तो वह काम नहीं करते थे.
- उनके आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है और सारे आरोप बेबुनियाद है. इ
- उन्होंने कहा है कि उनके ऊपर जो भी आरोप लगाए गए हैं उनकी सफाई उन्होंने CM को सौंप दी थी.
- सारे कागजात भी उन्होंने सीएम को सौंप दिया है.
- उन्होंने कहा है कि प्रमुख सचिव विभागीय मंत्री उनकी सफाई से संतुष्ट है.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.