बस्ती के सदर तहसील तहसील छेत्र मे बहादुरपुर ब्लाक के कुढापट्टी दरियांव गांव मे प्रधान ज्योति देवी ने विकास का ऐसा खांका खींचा कि विकाय का दावा करने वाली सरकार भी शर्म से पानी पानी हो जाये.
प्रधान पर गबन का आरोप:
शौचालय के लिये ग्रामीणो के घरो के बाहर दो साल पहले गड्ढा खोद दिया गया और यह गड्ढा आज झाड़ियों मे छिप गया है.
गाँव वालों के मुताबिक प्रधान ने इन जमींदोज हो चुके शौचालयो के नाम धन भी निकालकर गबन कर दिया.
गांव मे बहुत से ऐसे परिवार है जिन्हे पता ही नही कि उनके नाम पर सरकार शौचालय दिया है.
अपात्रों को रिश्वत लेकर आवास देने का आरोप:
वहीं कहां बना किसने बनवाया यह भी किसी को नही पता.
गांव के 30 से अधिक लोगो के नाम पर शौचालय घोटाला किया गया है.
जबकि जिन्हे जरुरत है शौचालय का उन्हे प्रधान ने ठेंगा दिखा दिया.
गाँव वालों का आरोप है कि गांव मे अपात्र परिवार को प्रधान ने रिश्वत लेकर तीन-तीन प्रधानमंत्री आवास दे दिया,.
जबकि जरूरतमंद गरीब सरकार का मुंह ताक रहे.
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ऑनलाइन फीडिंग भी नहीं हुआ:
पात्रों को कब आवास मयस्सर होगा यह किसी को नहीं पता.
पिछले दो साल से गांव मे विकास के नाम पर जितने भी धन निकाले गये उसका कार्यानुसार ऑनलाइन फिडिंग नही कराया गया.
यह साफ जाहिर करती है कि अनियमितता हुई है.
इस गांव को बीजेपी सांसद हरीश द्विवेदी ने दलित गांव होने की वजह से गोद भी लिया है.
जहां वे समय समय पर पहुंचकर विकास कार्यो की समीक्षा करते हैं और अधूरे कार्यो को पुरा करने का निर्देश देते हैं.
इतना ही नहीं समस्याओ को दूर करने का भी प्रयास करते हैं.
मगर आरोपों की माने तो प्रधान हीरालाल ने ग्रामीणो की गरीबी और लाचारी का फायदा उठाकर उनके हक पर जमकर डाका डाला और सरकार को खुब चूना भी लगाया है.
शिकायत पर नहीं हुई कार्रवाई:
शिकायतकर्ता रजनीश पांडे ने बताया कि हमने शिकायत की मगर जांच तक नहीं की गई. पार्क के जीर्णोधार से लेकर शौचालय, आवास मे धन का बंदरबाट किया गया है.
गरीब योजनाओ की लाभ नही पा रहा और अपात्रो को रिश्वत लेकर लाभ दिया जा रहा.
बहरहाल पीएम मोदी ने गांव की तकदीर और तस्वीर बदलने का सपना तो देखा है मगर जमीनी हकीकत कुछ और है.
बस्ती से संवाददाता अनुज प्रताप सिंह की रिपोर्ट
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