2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ चुनावी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। अखिलेश यादव इन दिनों संगठन को मजबूत करने पर जुटे हुए हैं जिससे लोकसभा चुनावों में भाजपा की लहर को उत्तर प्रदेश में रोका जा सके। इस बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की इन कोशिशों को बड़ा झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है। सपा के बागी नेताओं संग नयी पार्टी बनाये जाने की खबरें सियासी गलियारों में फैलना शुरू हो गयी हैं।
नयी पार्टी बना सकते हैं अमर सिंह :
पूर्व सपा नेता और राज्य सभा सांसद अमर सिंह उत्तर प्रदेश में सपा के बड़े नेता के साथ मिलकर नई पार्टी बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, नई पार्टी बनाने का मकसद 2019 में समाजवादी पार्टी के वोटरों को तोड़ कर अपनी ओर लाना है। अमर सिंह की इस योजना को भाजपा का भी समर्थन मिला हुआ है। खबरें हैं कि इस मुद्दे पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने एक सप्ताह पहले हरियाणा में सपा के इस पूर्व नेता के साथ गोपनीय मुलाकात भी की थी।
सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि अमर सिंह की इस नई पार्टी का नाम तय कर लिया गया है। इसके अलावा पदाधिकारी भी चुने जा चुके हैं। आगामी 15 अगस्त के बाद कभी भी इसका ऐलान हो सकता है। सपा के कई नेता ऐसे हैं जो पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा तवज्जो न मिलने से नाराज हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम शिवपाल सिंह यादव का है।
कई विधायक भी हो सकते हैं शामिल :
सूत्रों का कहना है कि नाराज सपा नेता लोकसभा चुनाव को लेकर लगातार जनसंपर्क और सभाएं कर रहे हैं। उन्होंने पिछले 3 महीने में 30 जिलों में जनसंपर्क किया। इस दौरान जब वे भदोही गए तो उनसे मिलने वालों में निर्दलीय विधायक विजय मिश्रा भी शामिल थे। इसके अलावा पिछले महीने वाराणसी दौरे पर उन्होंने यूपी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर से बंद कमरे में मुलाकात की थी। अखिलेश और मायावती के साथ आने से राजा भैया ने सपा से दूरी बना ली है। अब अगर अमर सिंह भी नए दल के जरिए चुनाव में उतरते हैं तो ठाकुर वोट बसपा और सपा से कट सकते हैं।