क्या अमर सिंह ने डिनर डिप्लोमेसी के जरिये सपा को सियासी लाभ पहुंचाना शुरू कर दिया है? प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव के पुत्र आदित्य यादव के विवाह की दिल्ली में पार्टी देकर अमर सिंह दिल्ली दरबार में सपा की मुहिम आगे बढ़ाएंगे। सपा में वापसी के सवाल पर अमर सिंह कहते रहे हैं कि वे दल में रहें न रहें, मुलायम सिंह के दिल में हैं।
- मुलायम के अलावा शिवपाल के साथ उनकी गहरी छनती है।
- अमर सिंह ने आदित्य के विवाह की दावत की मेहमाननवाजी संभाल ली है।
- इस बात में संदेह नहीं अमर सिंह यादव परिवार के बेहद निकट आ चुके हैं।
- यादव परिवार के साथ अमर सिंह की इस सक्रियता को यूपी की सियासत के नजरिए से अहम माना जा रहा है।
- यादव परिवार ने पिछली शादी के दौरान सैफई में एक बड़ा जलसा कर यह साफ कर दिया था कि प्रधानमंत्री समेत दूसरे दलों में भी उनके संपर्क बेहद निजी और गहरे हैं, लेकिन दिल्ली की इस पार्टी के खास मायने हैं।
- राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि मुलायम बहुत समझदार व्यक्ति हैं।
- उन्हें पता है कि 2017 के चुनावी समर में यादवों के साथ अगर ठाकुरों का समर्थन भी मिल जाए तो 2012 के समीकरणों में हुए बिखराव की भरपाई का प्रयास ज्यादा सफल हो सकता है।
- शिवपाल के पुत्र आदित्य के रिसेप्शन की अमर सिंह द्वारा मेजबानी के पीछे मुलायम के दिमाग का यह समीकरण भी है।
- अमर सिंह के रूप में वह इन्हीं समीकरणों को 2017 में सपा की जीत की संभावनाएं बनाना चाहते हैं।
- अमर सपा में भले न आएं लेकिन जिस तरह उन्हें राज्यसभा में भेजने की चर्चा हो रही है और उनकी तरफ से शिवपाल के पुत्र के विवाह का रिसेप्शन दिया जा रहा है, उससे यह संकेत मिलता है कि मुलायम और अमर दोनों की मंशा तकनीकी रूप से दूरी बनाए रखने के बावजूद भविष्य के समीकरणों पर सपा की सफलता की राह तैयार करना है।
- संभवत: मुलायम के दिमाग में यह बात है कि इससे आजम और प्रो. रामगोपाल जैसे नेताओं को अमर के सीधे विरोध का मौका भी नहीं मिलेगा। साथ ही वह आजम व अमर को बैलेंस कर लेंगे। अमर की सक्रियता से मुलायम की दिल्ली में रामगोपाल पर निर्भरता भी कम हो जाएगी।
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