अद्भुत और अविश्वसनीय है कुंभ की जो तैयारियां, दिव्य कुंभ में है सब कुछ भव्य
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में इस बार कुंभ की जो तैयारियां हुई हैं, वो अद्भुत और अविश्वसनीय हैं। अध्यात्म के पर्व में आधुनिक तकनीक का इतना इस्तेमाल भारत में पहले कभी नहीं देखा गया। यही वजह है कि रोज लाखों तीर्थयात्री देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी प्रयागराज पहुंच रहे हैं। संगम किनारे एक पूरा अलग हाईटेक शहर ही नजर आ रहा है। दिव्य कुंभ में सब कुछ भव्य है। जिस गंगा-यमुना के संगम पर लोग आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, उन नदियों पर एक पूरी तैरती हुई दुनिया बनाई गई है।
बनाया गया नदी पर एक तैरता हुआ पुलिस कंट्रोल रूम
सुरक्षा के लिए जल पुलिस और एनडीआरएफ की तैनाती के साथ ही पहली बार प्रयागराज में नदी पर एक तैरता हुआ पुलिस कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। पानी में तैरता यह पुलिस कंट्रोल रूम हाईटेक तकनीक से लैस है। विदेशी फ्लोटिंग जेट तकनीक से यह पूरा पुलिस कंट्रोल रूम पानी पर तैर रहा है। इस थाने पर लाइफ गार्ड, गोताखोर, आपातस्थिति के लिए नाव और वॉटर एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं। जल पुलिस के अधिकारी रवि के मुताबिक इस कंट्रोल रूम से उन्हें पानी के ऊपर नेविगेशन में भी बड़ी चुनौती झेलनी पड़ती है।
- साथ ही उनकी कोशिश होती है कि संगम पर आने वाले किसी भी श्रद्धालु के साथ कोई दुर्घटना न हो।
- इस तैरते हुए पुलिस थाने का काम नाविकों को सुरक्षा नियमों के प्रति सचेत करना है
- और संगम के पूरे इलाके पर नजर रखना, ताकि कहीं कोई अनहोनी न हो।
- यह पुलिस कंट्रोल रूम पानी में ट्रैफिक की व्यवस्था को भी सुचारु रखता है।
तैरता हुआ आईलैंड वीआईपी मेहमानों के लिए बनाया गया गेस्ट हाउस
सड़कों पर ट्रैफिक नियंत्रण करना आसान होता है, लेकिन संगम में लाखों लोगों को बैठाकर तैरती नावों को व्यवस्थित करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है। संगम के बीच में फ्लोटिंग डिवाइडर बनाया गया है और इस तैरते हुए पुलिस कंट्रोल रूम से यह सुनिश्चित किया जाता है कि नाव नदी में एक दिशा से आएं और दूसरी दिशा से वापस जाएं। इसके अलावा संगम में तैरता हुआ स्विमिंग पूल और गेस्ट हाउस बनाया गया है। यह तैरता हुआ आईलैंड वीआईपी मेहमानों के लिए बनाया गया है। यहां पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी डुबकी लगाई थी। दूर-दराज से आए मेहमानों को भी पानी पर तैरती यह दुनिया बेहद पसंद आ रही है। नई दिल्ली से बीजेपी के सांसद मीनाक्षी लेखी तो कुंभ की चकाचौंध देखकर गंगा और यमुना में सी-प्लेन चलाने की मांग तक कर रही हैं।
- उनका कहना है कि अगर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में सी-प्लान चल सकता है,
- तो प्रयागराज में क्यों नहीं चल सकता है?
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