उत्तर प्रदेश में पूर्ववर्ती सपा सरकार के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव के बड़े प्रोजेक्ट में शुमार 108 व् 102 एंबुलेंस सेवा के संचालन में बड़ी धांधली का सबसे पहले uttarpradesh.org ने खुलासा किया था. इसके बाद जांच में पता चला कि इसको संचालित करने वाली एजेंसी ने एक्सल शीट में फर्जी मरीजों की इंट्री कर के करोड़ों रुपये का भुगतान करवा लिया. हालांकि एनएचएम निदेशक आलोक कुमार ने 26 अप्रैल को पत्र संख्या 518 लिखकर संबंधित जिलों में फर्जी केसों की पुष्टि कर सेवा प्रदाता कंपनी के खिलाफ एफाईआर दर्ज कराने के भी आदेश दिए थे. अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है.
फर्जी केसों को प्रमाणित बनाने की हो रही कोशिश-
- मरीजों की फर्जी की इंट्री में मामले में एनएचएम निदेशक आलोक कुमार ने 102 व् 108 एम्बुलेंस सेवा प्रदाता कंपनी GVK के खिलाफ FIR दर्ज कराने के आदेश दिए थे.
- इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आया है.
- बता दें की इस फर्जीवाड़े में फर्जी मजीरों की एंट्री को अब सही दिखने के लिए एक और फर्जीवाड़ा शुरू किया गया है.
- नाम न बताने की शर्त पर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया की फर्जी मरीजों की लिस्ट को अब एक एक कर के डॉक्टरों से वेरीफाई करने की कोशिश की जा रही है.
- जिसके लिए इन फर्जी मरीजों के पर्चों पर डॉक्टर की मोहर लगवा कर उसे सही दिखने की कोशिश की जा रही है.
- यही नही अगर कोई डॉक्टर फर्जी पर्चों पर अगर मोहर नही लगता है तो उस डॉक्टर की फर्जी मोहर बनवा कर पर्चों पर लगवाई जा रही है.
- जिससे लिस्ट में चढ़े फर्जी नामों को प्रामाणिक रूप में दिखाया जा सके.
- इस मामले में एक बात और गौर करने के लायक है.
- वो ये की घोटाले के उजागर होने के बाद अब इन एम्बुलेस में मरीजों को लाने ले जाने की संख्या 5-7 के बीच ही रह गई है.
जी.वी.के. करता है एम्बुलेंस सेवा का संचालन:
- उत्तर प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकार के द्वारा एम्बुलेंस सेवा 108 और 102 के संचालन के लिए दिनांक 11 नवम्बर 2011 से 2016 के बीच 5 साल की अवधि के लिए 798.50 करोड़ का बजट दिया गया था.
- जिसमें प्रति एम्बुलेंस 1.17 लाख रूपये के हिसाब से प्रतिमाह बजट दिया गया.
- साथ ही प्रतिवर्ष 10 फीसदी अनुवृद्धि के बाद 1.88 लाख रूपये देने का प्रावधान भी है.
सीएमओ का भी जांच में नपना तय:
- 102 व् 108 एम्बुलेंस सेवा की संचालक कम्पनी पर FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए गए.
- दरअसल एम्बुलेंस सेवा के दौरान मरीजों की इंट्री की एक्सल शीट तैयार की जाती है.
- जिसके भुगतान को हरी झंडी देने का काम जिलों के सीएमओ का होता है.
- ऐसे में एंबुलेंस सेवा के संचालन में बड़ी धांधली उजागर हुई.
- जिसमें एजेंसी ने एक्सल शीट में फर्जी मरीजों की इंट्री कर के सरकार से करोड़ों का भुगतान ले लिया है.
- एनएचएम निदेशक आलोक कुमार ने एजेंसी की सबमिट रिपोर्ट की क्रॉस चेकिंग कर इस घोटाले को उजागर कर दिया है.
- जिसके बाद संचालक कम्पनी पर FIR दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं.
- मामले में आंख मूंद कर रेंडम जांच कर भुगतान का आदेश देने वाले सीएमओ का भी जांच में नपना तय है.