अमेठी जिले मे एक कहावत बड़ी सटीक बैठ रही है कि अंधेर नगरी चौपट राजा यहां आपको चारागाह की जमीन पर कब्जा करना है तो आराम से करो मिनी सचिवालय पर अतिक्रमण में कोई रोक टोक नही. सड़क को अपना रेत-बजरी का स्टोर बनाना है तो कोई आपको रोकने वाला नहीं है. किसी सरकारी संपत्ति पर कब्जा करना है तो शौक से करो आपको किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. पंचायत भवन,चारागाह,वृक्षारोपण आदि की भूमि पर अवैध कब्जे के कई मामले पहले भी सामने आ चुकी है.
क्या है मामला:
- बानगी के तौर पर आप जनपद के शुकुलबाज़ार विकास खण्ड के ठाकुरगंज (तिवारीपुर) में देखिए, जहाँ सुल्तानपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति की बिल्डिंग टेन्ट का गोदाम बनी हुई है.
- ग़ौरतलब है कि इस बिल्डिंग का लोकार्पण 2007-08 तत्कालीन जिलाधिकारी संजय कुमार ने किया था.
- सूत्र बताते है कि इसका किराया एक अधिकारी को जाता है लेकिन कोई भी इस बारे में बोलने को तैयार नही है .
व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही ये इमारत:
इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार प्रशासन के लोगों से शिकायत की बावजूद इसके अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई बल्कि सरकारी लापरवाही के तौर पर एक इमारत इलाके में व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही है.
अब छलावा साबित हो रहा पशु पालकों का सपना:
- पशु पालकों को उत्पादन का सही मूल्य दिलाने का सपना अब छलावा साबित हो रहा है.
- कारण साफ है दुग्ध उत्पादन सहकारी समिति अपने उद्देश्यों से भटक गयी है.
- इसकी नजीर शुकुलबाज़ार क्षेत्र के तिवारीपुर गांव स्थित समिति का ये भवन है.
- वही दूसरी ओर स्थानीय पशुपालकों ने बताया कि समिति न होने से दुध औने पौन दामों पर बल्टाहारों को विक्रय कर देना मजबूरी हो गयी है.
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