बदहाली: स्वास्थ्य उपकेंद्र को संजीवनी की दरकार ।
अमेठी:
स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए शासन और जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा कई तरह की योजनाओं का शुभारंभ भी किया गया। इसके बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य समस्याएं अब भी मुंह बाए खड़ी हैं।
मुसाफिरखाना विकास खंड की ग्राम पंचायत रसूलाबाद स्थित स्वास्थ्य उपकेंद्र उपेक्षा का शिकार है। स्वास्थ्य उपकेंद्र को संजीवनी की दरकार है। क्षेत्र के लोग बदहाल स्वास्थ्य सेवा को लेकर हमेशा परेशान रहते हैं। ग्रामीणों के मुताबिक गांव के लोगों को छोटी-छोटी बीमारी में या तो ग्रामीण चिकित्सक का सहारा लेना पड़ता है या तो करीब 10- 12 किलोमीटर दूर सीएचसी मुसाफिरखाना की ओर रुख करना पड़ता है। वर्षो पूर्व जब स्वास्थ्य उपकेंद्र निर्माण के समय लोगों में काफी खुशी थी, कि अब छोटी-छोटी बीमारी में मुसाफिरखाना नहीं जाना पड़ेगा। लेकिन हालत जस के तस हैं। ग्रामीणों के मुताबिक विगत कई वर्षों से केंद्र बदहाल पड़ा है। परिसर के आस पास गन्दगी का जमावड़ा है। ग्रामीण महिलाओं को डिलवरी समेत अन्य स्वास्थ्य सुविधा नसीब नहीं हो पा रही है। रसूलाबाद के ग्रामीण मो जीशान, साजिद खान, अकरम खान, रईस खान सहित अन्य कई ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से सुविधाविहीन होकर रह गया है। वही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रसूलाबाद कैप्टन कयूम सहित ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से अविलंब स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थिति सुधारने की मांग की है।
इनका कहना है-
इस संबंध में सीएससी अधीक्षक मुसाफिरखाना आलोक मिश्र ने बताया कि कुल सीएचसी के अंतर्गत 18 उपकेंद्र हैं, जिनमे तीन किराए की बिल्डिंग में संचालित है। रसूलाबाद उपकेंद्र में एएनएम की तैनाती नही है। रसूलाबाद में सीएचओ एनसीडी के लिए रखे गए है,जल्द ही उपकेंद्रों की स्थिति का सुधार किया जाएगा।