उत्तर प्रदेश के अमेठी क्षेत्र कहने को तो राहुल गाँधी संसदीय क्षेत्र और कांग्रेस का गढ़ है लेकिन यहाँ की हालत देखकर दिल सिहर उठता है।यहां पर विकास की रफ्तार धीमी होने की वजह से ज्यादातर लोग असंतुष्ट हैं लोगों का मानना है कि उनको जो मिलना चाहिए था वह नहीं मिला। यहाँ न तो पुरानी ऐतिहासिक इमारतों को बचाया जा रहा है न ही गरीब जनता को घर मुहैया कराया जा रहा है। गरीबों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही इंदिरा और लोहिया आवास जैसी योजनाओ की नींव अमेठी में तो सिर्फ कागज के ऊपर ही डाल दी गई है। जिसके बाद से कागज़ के आशियाने पर आस लगाये है यहां की गरीब जनता।
1940 में बना ऐतिहासिक डाकबंगला भवन भूत बंगले में तब्दील होता जा रहा
- अमेठी के शुकुल बाजार में स्थित लगभग सन 1940 में बना ऐतिहासिक डाकबंगला भवन वर्षों से उद्धारक की बाट जोह रहा है।
- ब्रिटिश कालीन भारत में बने इस ऐतिहासिक डाकबंगला भवन में कभी प्रदेश तो कभी केंद्र सरकार के बड़े बड़े नेताओं का जमघट लगता था
- इसी डाक बंगला भवन में कभी प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व० राजीव गाँधी अपने परिवार के साथ रात्रि विश्राम किया करते थे
- लेकिन वक़्त के साथ साथ देखभाल से वंचित ये डाक बंगला अब भूत बंगले में तब्दील होता जा रहा है
- अमेठी के सासंद राहुल गांधी सहित अन्य जनप्रतिनिधि व मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी भी शुकुल बाजार दौरे पर आते हैं
- लेकिन उसके बाद भी आज तक इस डाक बंगला भवन की हालत में सुधार नही आया
- अभी कुछ सालों पहले ही शासन द्वारा भी सभी डाक बंगला भवन के रखरखाव की कार्ययोजना बनायी गयी थी
- जिसमे दावा किया गया था कि अब जर्जर हालत में पड़े सभी डाक बंगले चमक जायेंगे
- लेकिन यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है
- यदि अमेठी के इस डाक बंगला भवन को अनदेखी के अतिक्रमण मुक्त कराकर जीर्णोद्धार करा दिया जाय
- तो एक धरोहर की सुरक्षा हो सकती है।
खत्म हुई ‘आवास की आस’ तो कर गये ‘प्रवास’
- जी हाँ उत्तर प्रदेश के अमेठी में कागजों पर ही मौजूद है गरीबों के आशियाने ।
- गौरतलब हो कि अमेठी में गरीबों को छत मुहैया कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही इंदिरा और लोहिया आवास जैसी योजनाओ की नींव सिर्फ कागज के ऊपर ही डाल दी गई।
- सरकार की मंसा थी कि वे गरीब, जिनके पास रहने को आशियाना नहीं है उन्हें आवास मुहैया कराये जायेंगे।
- प्रदेश मे सपा की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री ने लोहिया आवास योजना चलाकर गरीबों को आवास देने का कार्य भी किया।
- लेकिन अमेठी में गरीबो सरकार की आवासीय योजना अधूरे सपने की तरह बिखर गयी।
- अमेठी जनपद के विकास खण्ड शुकुल बाजार के ग्राम सभा इक्का ताजपुर निवासिनी एक गरीब विधवा महिला को आवास न मिल पाने के कारण पल्ली लगाकर अपना जीवन यापन करना पड़ रहा है ।
- ग्रामीणों कहना है आवास के संबंध मे विद्यावती ने कई सरकारी दफ्तरो के चक्कर लगाये।
- लेकिन उन्हे निराशा ही हाथ लगी आलाधिकारियो से भी आवास दिलाये जाने की फरियाद लगाई, लेकिन विद्यावती को आवास नही मिल पाया।
- ग्राम प्रधान व ग्राम विकास अधिकारी के लापरवाही के कारण विद्यावती के धैर्य ने आखिरकार दम तोड़ दिया और थकहार कर वह परिवार सहित कही और जाकर रहने लगी।
- जनपद में कुछ भ्रष्ट अधिकारियो व कर्मचारियो के कारण ही कई सरकारी योजनाओ ने पहुंचते ही अपना दम तोड़ दिया और यही कारण है कि आज भी अमेठी में विद्यावती जैसे गरीब परिवार को एक अदद छत तक नसीब नही हो पायी ।
- कभी वीवीआईपी क्षेत्र में होने का गौरव प्राप्त लोग रौब गालिब कर अमेठी क्षेत्र में रहने का गर्व किया करते थे।
- लेकिन आज यहां की विकास की धीमी गति और बदहाली के कारण लोगों को अब अमेठी क्षेत्र को अब अपना कहना भी नागवार गुजर रहा है।
- अरबों खरबो रुपए खर्च होने के बाद भी यहाँ की बदहाली जस की तस पड़ी हुई हैं।
- जिसे लेकर लोगो में काफी निराशा देखने को मिल रही है।
- अमेठी में जनप्रतिनिधि,और अधिकारी दौरेकर जनपद की उन्नति का खाका खींचते से दिखते तो हैं।
- लेकिन जिस विकास से स्थानीय लोगों की हालत सुधर सकती है, उस पर ध्यान ही नहीं दिया गया।
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