अमेठी में ग्रामीण स्तर पर खेल प्रतिभाओं को तैयार कर उन्हे निखारने के लिए लगभग आठ वर्ष पूर्व शुरू की गई केंद्र सरकार की पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पायका) योजना के तहत सरकार द्वारा भेजे गए धन में जमकर बंदरबांट हुई है।
खेल-खेल में हजम कर गए धन:
मामला सूबे के जनपद अमेठी का जहां एक समाजसेवी ने कुछ दिनों पूर्व प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर आरोप लगाया कि अमेठी के तत्कालीन जिला युवा कल्याण अधिकारी एसपी पांडेय व कनिष्ठ सहायक श्याम बहादुर ने खेल प्रतियोगिताएं संपन्न होने के बाद बची शेष धनराशि को वापस करने के बजाए गबन कर लिया है.
विभागीय महानिदेशक ने मांगी रिपोर्ट
- इस मामले को संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर विभागीय महानिदेशक रमेश मिश्र ने बीते तीन अक्तूबर को प्रकरण की जांच कर रिपोर्ट देने का आदेश जारी किया था.
- लेकिन हैरानी इस बात की है कि महानिदेशक के इस आदेश के बावजूद भी प्रकरण की जांच शुरू नही हुई.
- इसके बाद महानिदेशक की ओर से जारी दूसरे पत्र में इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारी अमेठी को मामले की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया है.
- महानिदेशक की ओर से जारी रिमाइंडर के बाद जिम्मेदारों में हड़कंप मचा है.
जल्द ही भेजी जाएगी शासन को रिपोर्ट
- जिलाधिकारी योगेश कुमार ने महानिदेशक प्रांतीय रक्षक दल/विकास दल एवं युवा कल्याण उत्तर प्रदेश का पत्र मिलने की बात स्वीकार की.
- जिलाधिकारी अमेठी योगेश कुमार ने कहा कि इस जल्द ही मामले की जांच करवाकर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी.
प्रतिभा उभारती है पायका
- पायका के उद्देश्य पंचायत स्तर पर खेल सुविधाओं का विकास एवं विस्तार करना है इसमें ग्राम पंचायतों क्रमानुसार किया जाता है.
- अस्थाई स्वरूप के खेल उपकरण खरीद और मरम्मत आदि के लिए प्रति ग्राम और जनपद पंचायत को आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है.
- इसमें खेल मैदान में आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं के माध्यम से अव्वल आने वाली प्रतिभाओं को सम्मानित किए जाने का भी प्रावधान है.
- ऐसे में अमेठी में योजना परवान ही नहीं चढ़ सकी जिससे यहां इसका उद्देश्य धूमिल होते ही नजर आ रहा है.
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