मुख्यमंत्री योगी के मंत्रीमंडल विस्तार को लेकर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 4 या 5 जुलाई को लखनऊ आने वाले हैं. शाह की सहमति के आधार पर ही यूपी मंत्रीमंडल का विस्तार तय होगा. इसके लिए उम्मीदवारों ने अपनी तैयारी भी तेज कर दी हैं.

अमित शाह 4 या 5 जुलाई को होंगे लखनऊ में:

जुलाई में मुख्यमंत्री योगी के मंत्रिमंडल का विस्तार होना हैं। इसके लिए भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह लखनऊ आने वाले हैं. अमित शाह खुद योगी के मंत्रीमंडल विस्तार पर अपनी सहमति देंगे. शाह 4 या 5 जुलाई को लखनऊ जाएंगे।

इसके अलावा भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष सपा-बसपा महागठबंधन की चुनौतियों से निपटने और मिशन 50 पर्सेंट योजना पर संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों, मुख्यमंत्री और चुनिंदा मंत्रियों के साथ मैराथन बैठक भी करेंगे.

वहीं शाह संपर्क फॉर समर्थन अभियान के तहत चुनिंदा हस्तियों से मुलाकात भी करेंगे।

दावेदारों ने तैयारी की तेज:

जल्द मंत्रिमडल में फेरबदल और विस्तार की खबरों के साथ दावेदार मंत्रियों की भागदौड़ भी बढ़ गयी हैं. गौरतलब हैं कि योगी मंत्रीमंडल में फेरबदल आगामी 2019 चुनावों में जीत को ध्यान में रख कर किया जाना हैं. इसके अलावा पिछले उपचुनावों के आधार पर भी कुछ मंत्रियो को जहाँ उनके कार्यविधि में इनाम के तौर पर पदोन्नति मिल सकती है वहीं कुछ कमजोर मंत्रियों को हटाया या उनका कद कम किया जा सकता हैं.

जिन जिलों को अभी तक हिस्सेदारी नहीं मिल पाई हैं, उनमे से कुछ को मंत्रीमंडल में प्रतिनिधित्व दे कर उक्त क्षेत्र का चुनावी समीकरण मजबूत करने की भी आशंका हैं.

बता दें कि अभी योगी मंत्रिमंडल में 47 सदस्य हैं, नियम के अनुसार सदस्यों की संख्या 60 हो सकती हैं. वहीं प्रदेश के 75 जिलों में से 40 से अधिक मंत्रियों का मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं हैं.

जहाँ लखनऊ से 7 मंत्री योगी के मंत्रिमडल में हैं, वहीं चुनाव की दृष्टि से अहम अयोध्या सहित पूरे फैजाबाद जनपद का एक भी मंत्री मंत्रिमंडल में सदस्य नहीं हैं.

इस बार मंत्रिमंडल के पुनर्गठन के साथ इन्ही खामियों को दूर करने की योजना बनाई गयी हैं.

मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में सम्भावनाये:

इस बार पश्चिम के 2 मंत्रियों के विभागों में फेर बदल के साथ पिछड़ी जाति को साधने के लिए किसी गुर्जर को मंत्रिमंडल में स्थान मिल सकता हैं.

पार्टी के प्रदेश महासचिव अशोक कटारिया के भी मंत्रीमंडल में शामिल होने की अटकले लग रही हैं. बता दें कि कटारिया को अप्रैल में ही विधान परिषद का सदस्य बनाया गया हैं.

ब्राह्मण समीकरण मजबूत करने को लेकर भी सरकार प्रयास कर सकती हैं. इसके चलते उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और कानून मंत्री ब्रिजेश पाठक को अहम् विभाग मिलने की भी सम्भावना हैं.

अगले महीने होना हैं यूपी मंत्रिमंडल का विस्तार:

गौरतलब हैं कि कैराना और नूरपुर उपचुनावों के नतीजे की वजह से निर्धारित समय पर मंत्रीमंडल का पुनर्गठन रोक दिया गया. तय किया गया कि उपचुनावों में मिली हार की समीक्षा के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल होगा.

वहीं फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव के नतीजे आने के बाद अमित शाह ने महागठबंधन को हराने के लिए मिशन 50 पर्सेंट की योजना बनाई हैं. इसके तहत उन्होंने 8 फीसदी वोट बढ़ाने के लिए राज्य संगठन को दलित तथा सपा समर्थक कुछ अति पिछड़ी जातियों को साधने का निर्देश दिया था।

शाह के निर्देश पर राज्य संगठन ने इस पर रिपोर्ट तैयार कर ली है। शाह इसी रिपोर्ट के आधार पर सीएम योगी के मंत्रिमंडल विस्तार की रूपरेखा भी तय करेंगे।

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