फिल्म अभिनेता और महानायक अमिताभ बच्चन व उनके पुत्र अभिषेक बच्चन ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके के मुज्जफरनगर गांव में 25 बीघा जमीन खरीदी है। अमिताभ बच्चन, जया बच्चन व पुत्र भिषेक बच्चन के नाम सदर तहसील की ग्राम पंचायत चौधरी खेड़ा के मुज्जफरनगर में पहले से 33 बीघा खेतिहर जमीन है। अमिताभ और अभिषेक की की ओर से संचालित दो कंपनियों के नाम काकोरी में 14.50 करोड़ में ये जमीन खरीदी गई है। इस खेतिहर जमीन में पक्का भवन भी शामिल है। सात दिसंबर को कंपनी सरस्वती इंटरटेनमेंट और बी-टीम स्पोर्ट्स कंपनी के स्वामित्व में खरीदी जमीन की रजिस्ट्री हुई।
अधिवक्ता विशाल मेहरोत्रा ने बताया कि जमीन काकोरी के जहीर खां के नाम थी। उनके निधन के बाद जर्मनी में शिफ्ट हो जाने से परिवार जमीन बेचने का इच्छुक था। काकोरी में मौजूद खेतिहर इलाके से सटी जमीन होने के कारण अमिताभ ने खरीद को सहमति दी। इसके बाद सब रजिस्ट्रार चतुर्थ बृजेश पाठक के यहां सरस्वती इंटरटेनमेंट के पक्ष में 4.74 हेक्टेयर और बी-टीम स्पोर्ट्स कंपनी के पक्ष में 1.7515 हेक्टयर (करीब 25 बीघा) जमीन की रजिस्ट्री हुई। विशाल ने बताया कि जमीन को बच्चन परिवार किस काम में उपयोग करेगा, इस संबंध में दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। गांववाले मुज्जफरनगर (चौधरी खेड़ा) में जमीन खरीद को बिग बी के बाराबंकी में अधूरे रह गए सपने को पूरा किए जाने से जोड़ कर देख रहे हैं।
मास्टर प्लान के तहत शहरी सीमा बढ़ने के बाद बड़े बिल्डरों में यहां बहुमंजिला आवासीय टाउनशिप बनाने को होड़ लगने के आसार हैं। वहीं, आगरा एक्सप्रेस-वे भी अमिताभ की कंपनियों द्वारा खरीदी जमीन से मात्र डेढ़ से दो किमी की दूरी से होकर ही गुजरा है। वहां जमीन को लेकर विवाद के कारण बच्चन परिवार का कन्या डिग्री कॉलेज खुलवाने का सपना पूरा नहीं हो पाया था। बच्चन परिवार इस गांव में 58 बीघा जमीन के साथ बड़े काश्तकार भी बन गए हैं। भू-संपत्तियों की खरीद-फरोख्त से जुड़े लोगों का मानना है कि बिग बी के नई जमीन खरीदने से चौधरीखेड़ा सहित आसपास सटे इलाकों की जमीन के दाम जल्द बढ़ेंगे। बच्चन परिवार ने जिस गांव क्षेत्र में अपनी जमीन को विस्तारित किया है वह शहरी सीमा से छह से सात किमी पर है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]अक्सर बहन से मिलने आते हैं अमिताभ[/penci_blockquote]
अमिताभ की बहन गुड्डी का कहना है कि वह लखनऊ में कई साल से रहे रही हैं, लेकिन किसी को नहीं बताया कि वह अमिताभ बच्चन की रिश्तेदार हैं। जब अमिताभ ने यहां जमीन खरीदी और उनके घर आए, तब सभी को इसके बारे में पता चला। वहीं, उन्होंने जया बच्चन के बारे में बताते हुए कहा, ‘भाभी का नेचर बहुत अच्छा है। ऐसा नहीं है कि अमिताभ का जमीन खरीदने के बाद ही लखनऊ से नाता जुड़ा है। वह और जया पहले भी यहां पर आते-जाते रहे हैं।’ राजेंद्र कौर ने बताया कि साल 2010 में पहली बार अमिताभ बच्चन जमीन खरीदने के लिए यहां आए थे। इसके बाद उन्हें फॉर्म हाउस लेकर गए। वहां उन्होंने छत पर जाकर अपनी जमीन देखी और जानकारी ली। यही नहीं, उन्होंने खेत में ट्रैक्टर भी चलाया। उनके ड्राइवर रसपाल ने अमिताभ बच्चन को बताया कि कैसे खेत में ट्रैक्टर चलाया जाता है। साथ ही कई अन्य चीजों की बारीकियां भी बताईं।
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