लखनऊ महोत्सव की चौथी शाम को मुख्य पंडाल में जहां म्यूजिशियन शंकर, एहशान, लॉय ने अपने सुरों की रसधार बहाई। वहीं पश्चिम बंगाल में ‘यंग टैलेण्ट कम्पीटीशन’ समेत शास्त्रीय गायन की कई प्रतियोगिताओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली मुखर्जी ने कार्यक्रम में श्रोताओं को रससिक्त करने के लिए राग जोग का आश्रय लिया। उन्होंने मध्य लय में बंदिश ‘साजन मोरे घर आये’, और द्रुत लय में ‘घड़ी पल छिन न सुहाये’ सुनायेंगी। इसके बाद वह राग भैरवी में पारम्परिक भजन सुनाया। उनके साथ तबले पर पार्थ प्रतिम मुखर्जी और हारमोनियम पर कमला कान्त ने साथ दिया।
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कलाकारों ने किया शानदार प्रदर्शन
- सूत्रों के मुताबिक लखनऊ महोत्सव में मंगलवार को फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन आ सकते हैं।
- हलाकि इस सम्बन्ध में आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
- लखनऊ महोत्सव के सांस्कृतिक पंडाल में भरतनाट्यम, तबला वादक और शास्त्रीय गायकों ने परफार्मेंस से दर्शकों को खूब प्रभावित किया।
- कभी कृष्ण की लीला, कभी तबलों की अनूठी जुगलबंदी, तो कभी मनमोहक शास्त्रीय गायन।
- कलाकारों की एक के बाद एक शानदार परफार्मेंस का दर्शकों ने खूब आनंद लिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों से शाम हुई रंगीन
- भरतनाट्यम के बाद भातखंडे के कलाकारों ने भरतनाट्यम में ढली भावपूर्ण नृत्य नाटिकाओं की शानदार परफार्मेंस की।
- भातखंडे की शिक्षिका लक्ष्मी श्रीवास्तव के निर्देशन में कलाकारों ने गणेश वंदना मूषक वाहक हस्ता…से परफार्मेंस की शुरुआत की।
- इसके बाद उन्होंने शिव के पंचाक्षर स्त्रोत नागेंद्र हराय त्रिलोचनाय… पर शिव की महिमा को भावपूर्ण नृत्य में पेश किया।
- वहीं कलाकारों ने कृष्ण के बांसुरी बजाने पर प्रकृति, पशु-पक्षियों और गोपियों के मगन हो जाने जैसे दृश्यों को पेश कर दर्शकों की प्रशंसा पाई। शाम के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शास्त्रीय गायिका स्वगता मुखर्जी की परफार्मेंस सबसे खास रही।
- एक से एक शानदार शास्त्रीय बंदिशों में उन्होंने साजन मोरे घर आये…, घड़ी पल छिन न सुहाये और भजनों की मनमोहक परफार्मेंस से खूब प्रशंसा पाई।
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