समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को मोबाइल फोन से दी गयी कथित धमकी के मामले में आज सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (Central Forensic Science Laboratory) ‘सीएफएसएल’ चंडीगढ़ ने विवेचक सीओ हजरतगंज अविनाश मिश्रा को मामले की जाँच हेतु बातचीत में प्रयुक्त हुए मूल रिकॉर्डिंग डिवाइस तथा मीडिया उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है.
ये था पूरा मामला-
- 10 जुलाई साल 2015 को सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा कथित तौर पर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को फ़ोन पर धमकी दी गई थी.
- इस मामले में अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया कि 10 जुलाई साल 2015 को मुलायम सिंह ने मंत्री गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज होने के अगले दिन फोन पर धमकी दी थी.
- उन्होंने कहा था कि मुलायम सिंह द्वारा धमकी मिलने के बाद हमने अगले दिन थाना हजरतगंज में इस घटना की शिकायत दी थी.
- उन्होंने बताया कि राजनीतिक दबाव के चलते उसी रात उन दोनों के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही दो दिन बाद उन्हें अचानक निलंबित कर दिया गया था.
- 13 जुलाई 2015 को अचानक दर्ज हुए इस केस में 18 महीने बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई थी.
- जिसके बाद 26 फ़रवरी साल 2017 में मामले में कारवाई न होने से नाराज़ होकर स्वयं एसएसपी आवास पर गिरफ्तारी देने पहुंच गए थे.