एमिटी लॉ स्कूल ,एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश ने राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यशाला का आयोजन किया ।
एमिटी लॉ स्कूल ,एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश ने दिनांक 21/06/2021 से दिनांक 27/06/2021 तक एक राष्ट्रीय संकाय विकास कार्यशाला का आयोजन किया ।
विधिक शिक्षा और शिक्षण प्राविधि में नए आयाम शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला में देश के विविध क्षेत्रों से लोगों ने प्रतिभाग किया ।
इस कार्यशाला का आरम्भ दिनांक 21/06/2021 को एमिटी लॉ स्कूल ,एमिटी यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश ,के लखनऊ कैम्पस में सात दिवसीय राष्ट्रिय कार्यशाला का उदघाटन संस्था के प्रति कुलपति प्रो.(डॉ.) सुनील धनेश्वर के आशीर्वचन से हुआ ।
इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल के निदेशक प्रो.(डॉ.)जय प्रकाश यादव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए इस कार्यशाला के महत्व और प्रासंगिकता पर अपने विचार रखे ।
अपने विशिष्ट वक्तव्य में उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता श्री बी.टी .कौल ने नई शिक्षा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के अनुरूप ही शिक्षा व्यवस्था होनी चाहिये ।
केस आधारित विश्लेषण हमारी शिक्षा का अभिन्न हिस्सा हो तो हम समाज के अनुरूप एक व्यस्था निर्मित कर सकेंगे ।
श्री कौल ने प्राथमिक शिक्षा से ही छात्रों में विधिक शिक्षा और उसके अध्ययन की पद्धित विकसित करने पर जोर दिया ।
प्रो. कमल जीत सिंह ,कुलपति , मधुसुदन लॉ यूनिवर्सिटी ,कटक ने अपने उदबोधन में आधुनिक भारत में शिक्षा के विविध आयामों पर विचार करते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभाशाली युवाओं को उनके प्रोफेशन के ज्यादा जागरूक करने की आवश्यकता है ।
नई शिक्षा नीति में युवाओं और छात्रों के पर्याप्त अवसर हैं ।
सात दिन चले इस कार्यशाला का समापन दिनांक-27/06/2021 को हुआ।
इस अवसर पर कार्यक्रम का संचालन सुश्री ज्योत्स्ना सिंह ने किया ,जो इस राष्ट्रिय कार्यशाला की सह-संयोजिका भी है ।
डॉ. अक्षिता श्रीवास्तव (सह-संयोजिका ) ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापित किया ।
कार्यशाला के संयोजक डॉ. तपन कुमार चंदोला ने बताया की इस कार्यशाला में देशभर से विद्वानों ने प्रतिभाग किया और लाभावन्वित हुए ।
इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल के सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे ।
इस कार्यशाला में कुल 11 सत्रों में देश के विविध प्रतिष्ठित विश्विधालयों के आचार्यों ने अपना उद्बोधन दिया ।
जिनमें प्रो. आलोक मिश्र ,प्रो. प्रीति सक्सेना ,प्रो. अफजल वानी, डॉ. रकेश कुमार सिंह, डॉ. के.ए. पाण्डेय, डॉ. असद मलिक, डॉ. गिरजेश शुक्ला, डॉ. अनुराग दीप , डॉ. सीमा सिंह, और डॉ. भानु प्रताप ने अपने वक्तव्य दिए ।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के निदेशक प्रो.(डॉ.) जे.पी. यादव ने इस सफल आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों और आयोजन समिति के सदस्यों को आभार ज्ञापित किया ।