मस्कुलर डिस्ट्राफी को लाइलाज बीमारी माना जाता है. इसी घातक बिमारी से ग्रसित कानपुर की एक माँ बेटी ने प्रधानमंत्री को लेटर लिख कर इच्छा म्रत्यु की मांग की थी.
- कई बारलेटर लिखने के बाद इन्हें पीएमओ कार्यालय से उन्हें 50 हजार की मदद मिली है.
- लेकिन ये रकम इस घातक बिमारी के लिए ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है.
- जिसे देखते हुए माँ बेटी ने इस मदद को लेने से इनकार का दिया है.
- उनका कहना है कि या तोप्रधानमन्त्री मेरा इलाज कराये वर्ना हमें इच्छा म्रत्यु दें.
- बता दें किइस बीमारी का इलाज इण्डिया से बाहर यूके में है.
ये है पूरा मामला-
- अक्नपुर के नौबस्ता थाना क्षेत्र के यशोदा नगर में रहने वाली हैं ये माँ बेटी.
- शशि मिश्रा (58) बेटी अनामिका (32) का परिवार का जीवन यापन हंसी ख़ुशी से व्यतीत हो रहा था.
- अनामिका के पिता का लोहे का कारोबार था.
- लेकिन मस्कुलर डिस्ट्राफी बीमारी ने सबसे पहले अनामिका कीमाँ को सन 1998 में अपनी चपेट में ले लिया.
- जिसके बाद उनकी इस बीमारी में अनामिका के पिता का बहुत रुपया खर्च हो गया.
- लेकिन इसके बाद भी उनकी ये बीमारी ठीक नही हुई.
- हालत ये हो गई के महंगा इलाज करा करा केअनामिका के पिता का भी निधन हो गए.
- इस दौरान आईएएस की तैयारी कर रही अनामिका को भी माँकी इस बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया.
- इसके बाद दोनों हीमाँ बेटी एक कमरे में कैद हो कर रह गई हैं.
- अनामिका ने बताया कि हमने पीएम व् राष्ट्रपति को लेटर लिख कर इच्छा म्रत्यु की मांग की थी.
- उस वक्त प्रदेश में सपा की सरकार थी तो अखिलेश यादव को भी पत्र लिखा था.
- सीएम कार्यालय से डेढ़ साल पहले 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी गई थी.
- लेकिन पीएमओ कार्यालय से कोई जवाब नही आया था.
- दो दिन पहले मुझे पीएमओ कार्यालय से एक लेटर प्राप्त हुआ है.
- जिसमे 50 हजार की आर्थिक मदद व् दो बिमा पालसी देने की बात कही गई है.
- लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि यह 50 हजार रुपये मेरे किस काम के है.
- इससे हम माँ बेटी अपना इलाज भी तो नही करा सकते है.
- इस लिए हमने आज प्रधानमंत्री को लेटर लिखा है कि हमें यह भीख नही चाहिए.
- यदि आप को मेरी मदद करनी है तो हमारा इलाज कराये वर्ना हमें इच्छा म्रत्यु दे दें.
- अनामिका का कहना है मैं एक बार फिर से अपने पैरो पर खड़ा होना चाहती हूँ कुछ करना चाहती हूँ.
मस्कुलर डिस्ट्राफी बीमारी का इलाज इण्डिया में नही-
- इस मामले में अखिल भारतीय उद्योग व्यापर मंडल के अध्यक्ष ज्ञानेश मिश्रा से भी बातचीत की गई.
- ज्ञानेश मिश्रा के मुताबिक अनामिका के पिता की लोहा मार्कट में बड़ा व्यापार था.
- उन्होंने बताया कि इस परिवार को हमने गोद लिया है.
- हम इनकी पूरी मदद करते है.
- उन्होंने बताया कि मस्कुलर डिस्ट्राफी बीमारी का इलाज इण्डिया में नही है.
- इसका इलाज यूके में है.
- हम लोग इतने सक्षम नही है की इनका इलाज वहा करा सके.
- इस लिए हम प्रधानमंत्री से निवेदन करते है कि उनकी 50 हजार की मदद न करके उनका इलाज कराये.
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