एंटी भू-माफिया सेल (anti bhu mafia cell) पर आने वाली शिकायतें गलत पते पर पहुंच रही हैं। खास बात यह है कि गलत पते पर आने वाली शिकायतें सेल को वापस भी नहीं हो पा रही हैं क्योंकि वापस करने की व्यवस्था सॉफ्टवेयर में नहीं है। मंगलवार को दिनभर नगर निगम अधिकारी शिकायतों को वापस करने के लिए माथा पच्ची करते रहे क्योंकि छह को मुख्यमंत्री समीक्षा करेंगे और उसके खाते में ये मामले लंबित हो जाएंगे।
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एंटी भू-माफिया सेल पर दर्ज कराई थी शिकायत
- पहला मामला सुलतानपुर की तहसील बल्दीराय की ग्राम पंचायत निवासी अमर बहादुर से जुड़ा है।
- उसकी शिकायत है कि लेखपाल ने गरीब बताकर जिसका पट्टा किया है, उसके कई मकान हैं।
- आरोप है कि साधुराम यादव नाम के व्यक्ति ने कई सरकारी जमीनों पर कब्जा किया और अधिकारी पैसे के लालच में कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
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- उन्होंने यह शिकायत समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (आइजीआरएस) के एंटी भू-माफिया सेल पर दर्ज कराई थी।
- यह मामला सरकार की एंटी भू-माफिया सेल से सुलतानपुर के जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए जाना था, लेकिन पहुंच गया नगर निगम लखनऊ में।
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- अब नगर निगम के अधिकारी परेशान हैं कि मामले का निराकरण कैसे करें और इस शिकायत को कैसे एंटी भू-माफिया सेल को भेजे, क्योंकि नए सॉफ्टवेयर में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है।
- इसी तरह का एक और मामला नगर निगम में पहुंचा।
- भू-माफिया से जुड़े इस मामले की शिकायत बक्शी का तालाब के महोना नगर पंचायत निवासी शिव नारायन गौर ने एंटी भू-माफिया सेल में की।
- उसकी शिकायत थी कि दबंगों ने उसकी जमीन कब्जा कर रखी है, और उसे कहीं से मदद नहीं मिल रही है।
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- इस शिकायत को लखनऊ के डीएम व एसएसपी को भेजना चाहिए था, लेकिन यह भी नगर निगम दफ्तर पहुंच गई।
- नगर निगम के एक अधिकारी का कहना है कि सामान्य शिकायतें ऑनलाइन वापस करने की व्यवस्था है, लेकिन सेल में दर्ज शिकायतें वापस नहीं हो पा रही है।
- बता दें कि जब किसी की सुनवाई जिला स्तर और संबंधित विभागों में नहीं होती है तो वह आइजीआरएस की मदद लेता है।
- यह (anti bhu mafia cell) सेल मुख्यमंत्री की देखरेख में संचालित होता है।