योगी सरकार ने सत्ता में आते ही भू माफियाओं पर नकेल कसने के लिए एंटी भू माफिया का गठन किया, ताकि सरकारी, ग्रामसमाज की जमीन के साथ मजबूर, असहाय गरीबों की जमीनों को भू माफियाओं के कब्जे से मुक्त करा सके और उनके खिलाफ कार्रवाई कर सलाखों के पीछे ढकेल सके। लेकिन भू माफियाओं में इसका कोई खौफ दिखता नजर नहीं आ रहा हैं.
कोर्ट के निर्देश भी जिला प्रशासन के ठेंगे पर:
भू माफियाओं की बेखौफी का ऐसा ही एक मामला गाजीपुर का हैं, जहाँ नंदगंज थाना इलाके के नंदगंज बाजार में भू माफिया इस कदर हावी है कि ग्राम समाज के पोखरे की जमीन पर सांप की तरह कुंडली मारकर बैठे हैं.
भू माफियाओं ने इन पोखरों पर कई मंजिला इमारत बना ली है और बचे हुए पोखरे की जमीन को पाट कर सब्जी मंडी बना दिया।
जिसकी शिकायत ग्रामीण जिले के आलाधिकारियों से कर चुके है, इसके बावजूद ग्रामीण पिछले 12-13 सालों से पोखरे को दबंगों से मुक्त कराने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे है।
एंटी भूमाफिया भी दबंगों के सामने फेल:
सरकार का एंटी भू माफिया भी इस पोखरे की जमीन को खाली नहीं करा पा रहा. बता दें जिले कि नंदगंज बाजार में ग्राम सभा की तकरीबन एक एकड़ से ऊपर ग्राम समाज की पोखरी है। जो अब दबंगों के चंगुल में है.
पोखरे के ज्यादातर जमीनों पर घर बन चुके है और कुछ जमीन खाली है तो वहां पर सब्जी मंडी दबंगों द्वारा लगवाए जाते है।
शिकायतकर्ता सूर्यनाथ सिंह यादव ने बताया कि 1950 से पहले पोखरी थी लेकिन 1962 में चकबंदी दो बार हुई लेकिन ग्राम सभा की पोखरी आज भी अभिलेखों में दर्ज है और मौके से गायब है।
इस जमीन के लिए जिलाधिकारी कार्यालय, सिविल कोर्ट यहां तक हाईकोर्ट में भी गए हुए थे । सुप्रीम कोर्ट का डायरेक्शन भी है कि पोखरी तालाबों को कब्जेदारों से बहाल किया जाए। लेकिन जिला प्रशासन है कि हिला हवाली कर रहा है।
पोखरी को लेकर कोर्ट में चल रहा मामला:
पैसे के दम पर दबंग आज भी ग्राम समाज की पोखरी पर कब्जा जमाए हुए है। वहीं ग्रामीण मुनन्न सिंह ने बताया कि शुरू से पोखरी थी लेकिन 1992 से दबंगों द्वारा पोखरी को पाटना शुरू कर दिया, लगातार पटने के कारण पोखरी का नामों निशान खत्म हो गया और पोखरी के जमीन पर जबरन कब्जा कर घर बना लिया गया और बची हुई जमीनों पर सब्जी मंडी लगवाई जाती है।
हालांकि लोगों ने विरोध किया लेकिन पैसे के दम पर दंबंगों ने बेफिक्री से इसपर कब्जा कर रखा है. इस दौरान विरोध करने वाले लोग कमजोर पड़ गए।
पोखरी को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। वहीं मामले में एडीएम भू राजस्व श्रीराम यादव ने बताया कि मामला मेरे संज्ञान है. इसी के साथ जल्द ही मामले का निस्तारण करने की बात कही।