उत्तर प्रदेश के बहराइच तथा पास के तराई के जिलों में संक्रामक बुखार का कहर जारी है। बहराइच जिले में मौसम परिवर्तन के बाद से मौतों का ग्राफ बढ़ गया है। 15 जुलाई से शुरू हुए संक्रामक रोगियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। नहसुतिया के मजरा गोड़ियनपुरवा में बुखार से पीड़ित दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि आधा दर्जन से अधिक बच्चे बीमार हैं। आज ही 36 बच्चों को और भर्ती कराया गया है। बुखार की सूचना पाकर स्वास्थ्य टीम गांव में पहुंच गई है। सीएमओ ने प्रभावित गांव में पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
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इसके बीच बहराइच की निवासी योगी आदित्यनाथ सरकार में स्वतंत्र प्रभार की मंत्री अनुपमा जायसवाल इन बातों से बेखबर हैं। अनुपमा जायसवाल ने कल रात वशीरगंज मुहल्ले में बहराइच के राजा पंडाल में आयोजित जागरण कार्यक्रम में जमकर ठुमके लगाए। यहां गायक तरुण सागर के गीत पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल ने जमकर ठुमके लगाए। बताया जा रहा है कि श्री गणेश पूजा पंडाल में जब भक्ति का माहौल बना तब वहां पर मंत्री अनुपमा जायसवाल ठुमके लगाने लगीं। मंत्री जागरण में काफी देर तक मौजूद रहीं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर जरूर बनेगा।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]60 दिन में अब तक 128 लोगों की मौत[/penci_blockquote]
बता दें कि अलग-अलग तरह के बुखार से 60 दिन में अब तक 128 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें दो सगे भाई भी शामिल हैं, जिन्होंने डायरिया व बुखार की चपेट में आकर आठ घंटे के अंतराल में दम तोड़ दिया था। अस्पताल प्रशासन रोगियों को देर से अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र लाने का ठीकरा अभिभावकों पर फोड़ रहा है लेकिन हकीकत कुछ और है। बहराइच जिला अस्पताल में न तो संसाधन है न ही सुविधा है, जबकि ये देवीपाटन मंडल का मॉडल अस्पताल है। हालत ये है कि यहां पीआईसीयू में एक बेड पर तीन-तीन मरीज भर्ती हैं।
वहीं अगर बात बीते 45 दिनों की करें तो जिले में संक्रामक बीमारियों से 71 बच्चों की मौत हो चुकी है। इनमें मैनिनजाइटिस से 12, एईएस से छह व सर्वाधिक मौत सेप्टीसीमिया से 23 बच्चों की मौत हुई है। इसके साथ ही बर्थ एसफिक्सिया से 11 व निमोनिया से भी नौ बच्चों की मौत हुई है। सीएमएस डॉक्टर ओपी पांडेय ने बताया अस्पताल में बहराइच ही नहीं श्रावस्ती, गोंडा व बलरामपुर के मरीज आते हैं, जिसके कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि बीते 24 घंटे के दौरान पांच बच्चों की मौत हो चुकी है।
पूर्वांचल: 39 साल में 20 हजार मौतें
पूर्वांचल में मौतों के आंकड़े देखकर आप की आंखे खुली की खुली रह जाएंगी। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2005 में 3532 मरीज भर्ती हुए 937 की मौत हो गई। वर्ष 2006 में 940 मरीज भर्ती हुए 431 की मौत हो गई। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 1978 से लेकर अब तक 20 हजार मौतें हो चुकी हैं।
वर्ष 2007 में 2423 मरीज भर्ती हुए 516 की मौत हो गई।
वर्ष 2008 में 2194 मरीज भर्ती हुए 458 की मौत हो गई।
वर्ष 2009 में 2663 मरीज भर्ती हुए 525 की मौत हो गई।
वर्ष 2010 में 3303 मरीज भर्ती हुए 514 की मौत हो गई।
वर्ष 2011 में 3308 मरीज भर्ती हुए 627 की मौत हो गई।
वर्ष 2012 में 2517 मरीज भर्ती हुए 527 की मौत हो गई।
वर्ष 2013 में 2110 मरीज भर्ती हुए 619 की मौत हो गई।
वर्ष 2014 में 2923 मरीज भर्ती हुए 587 की मौत हो गई।
वर्ष 2015 में रोजाना 3113 मरीज भर्ती हुए 668 मौते हुईं।
वर्ष 2016 में 2235 मरीज भर्ती हुए 587 मौतें हुईं।
वर्ष 2017 में करीब 2500 मरीज भर्ती हुए इनमें अगस्त माह में ही 60 लोगों की मौत हो गई।
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