पीएम मोदी के कैबिनेट में अपना दल से सांसद अनुप्रिया पटेल को जगह मिलने से अपना दल दो फाड़ हो गया है। 4 नवंबर 1995 को स्वर्गीय डॉ. सोनेलाल पटेल ने पिछड़े वर्गों खासकर कुर्मियों की ताकत को एकजुट करने के लिए अपना दल की स्थापना की थी। उनकी मौत के बाद दो बेटियों अनुप्रिया पटेल और पल्लवी पटेल में विरासत की जंग ऐसी छिड़ी की मां से बेटियां भी अलग हो गईं।
- माना जाता है कि मां कृष्णा पटेल और बेटी अनुप्रिया के बीच मनमुटाव तब शुरू हुआ, जब कृष्णा पटेल ने अपनी बड़ी बेटी पल्लवी पटेल को पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनया था।
- कृष्णा पटेल का कहना है कि छोटी बहन अनुप्रिया को अपनी बड़ी बहन के पार्टी की राजनीति में अहम भूमिका निभाने की बात खलने लगी थी।
- मां कृष्णा पटेल का आरोप था कि अनुप्रिया जब पहली बार विधायक बनीं तो उसकी सियासी महत्वाकांक्षाएं बढ़ गईं और उसने अपना दल में तानाशाही भरा रवैया अपना लिया।
- अपना दल अध्यक्ष कृष्णा पटेल का आरोप है कि अनुप्रिया पटेल और उनके पति आशीष कुमार सिंह ने पार्टी संविधान के खिलाफ कई कार्य किए। अनुप्रिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के सभी अधिकार प्राप्त करने की कोशिश की।
- जिसके बाद पार्टी की अध्यक्ष और स्व. सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल ने मिर्जापुर से लोकसभा सांसद अनुप्रिया पटेल को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
- अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने अनुप्रिया को पार्टी से निकालने की वजह सियासी साजिश रचना बताया था।
- अब जब अनुप्रिया केन्द्रीय कैबिनेट में मंत्री बनी हैं, तो मां कृष्णा पटेल ने भाजपा के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
- अनुप्रिया की मां और अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी ने उनसे बेटी को छीन लिया है।
- अनुप्रिया के केन्द्र में मंत्री बनने के बाद मां कृष्णा पटेल ने एक इंटरव्यू कहा- ‘लोकसभा इलेक्शन में कुर्मी मतदाताओं को लुभाने के लिए बीजेपी ने हमारा इस्तेमाल किया है और अब बीजेपी ने हमारी फैमिली तोड़ दी।
- माना जा रहा है कि अपना दल अब बीजेपी से गठबंधन भी खत्म कर सकती है।
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