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 ददरी गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली टूटी फूटी सड़क, विकास का रास्ता हुआ उबड़ खाबड़

Anupriya patel adopted village Dadri's reality check (2)

 ददरी गांव को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली टूटी फूटी सड़क, विकास का रास्ता हुआ उबड़ खाबड़

कहते हैं देश की खुशहाली का रास्ता गांवों से होकर गुजरता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से सांसद आदर्श ग्राम योजना का ऐलान किया था और पुरजोर प्रचार किया था कि यह महत्वाकांक्षी योजना भारत में ग्राम विकास का नया मॉडल लेकर सामने आएगी।  प्रधानमंत्री ने कहा था कि हर एक सांसद प्रतिवर्ष अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव को गोद ले और उसे विकसित करने का काम करे। खुद प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के जयापुर गांव को गोद लिया था।

गांव की तरफ मुड़ते ही नजर आती है टूटी फूटी सड़क

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की सांसद और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) ने हलिया विकास खंड के ददरी गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था। ददरी गांव को अनुप्रिया पटेल  (Anupriya Patel) ने नवंबर 2014 में Saansad Adarsh Gram Yojna (सांसद आदर्श ग्राम योजना) के तहत गोद लिया था। गांव को गोद लेने के दूसरे फेज में चुनार का बगही गांव भी भी चयन किया है।  फिलहाल हम गोद लिए पहले गांव दादरी (Dadri) पर बात कर रहे हैं।

2016 में स्कूल की इमारत का किया गया था कायकल्प

खैर सड़क पर हिचकोले खाती हमारी सवारी गांव में थोड़ी और आगे बढ़ी तो एक साफ-सुथरी और रंग रोगन की हुई इमारत दिखी तो उम्मीद जगी कि गांव के भीतर कुछ तो चमक है। पूछने पर पता चला कि ये सामुदायिक हॉल है, जहां गांव में शादी-विवाह के लिए बुकिंग होती है। गांव के लोगों के लिए ये एक बेहतर विकल्प है। गांव में प्राथमिक विद्यालय है, जिसमें पांचवीं तक पढ़ाई होती है। हालांकि ये स्कूल सांसद के गांव गोद लेने के पहले हैं लेकिन ग्राम प्रधान धनन्जय पटेल का कहना है कि सांसद अनुप्रिया पटेल की मदद से 2016 में स्कूल की इमारत का कायकल्प किया गया।

https://www.uttarpradesh.org/rate-your-leader/sansad-adarsh-gram-yojana/anupriya-patel-sagy-adopted-village-bagahi-233336/

गांव अभी तक पूरी तरह खुले में नहीं हुआ शौच मुक्त

वहीं 8वीं के बाद लड़के-लड़कियों को पढ़ने के लिए बरौधा या फिर लालगंज जाना पड़ता है जो गांव से करीब 8 किलोमीटर दूर है। स्वास्थ्य की बात करें तो सांसद के गोद  लेने के बाद जब से ददरी अलग ग्राम सभा बना तब से गांव में कोई स्वास्थ्य उपकेंद्र नहीं है।

गांव को ODF की श्रेणी में लाने का किया था वायदा

हालांकि ग्राम प्रधान धनन्जय पटेल का कहना है कि सांसद अनुप्रिया पटेल के सहयोग से वो जल्द ही गांव को ODF की श्रेणी में लाएंगे इसके लिए जल्द ही 150 और टॉयलेट का निर्माण कराने की तैयारी है।

गोद लेने के बाद किया गया था गाँव का विकास

गांववालों की सुविधा के लिए एक शादी घर, दो आगनवाड़ी केन्द्र एक प्राइमरी पाठशाला है जिसका सौंदर्यीकरण गांव को गोद लेने के बाद किया गया. कुछ सोलर लाइटें भी सड़कों पर लगाई गई हैं। गांव को हरा-भरा रखने के लिये पौधारोपण भी किया गया है। गांव में सिंचाई के लिए कोई सरकारी संसाधन मौजूद नहीं है।

10 बिंदुओं के जरिए समझिए ददरी गांव की दशा

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