आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी ( Anurag Tiwari) की मौत से 10 वर्षों में उनके 7 या 8 बार तबादले हुए। वह जब जिंदा थे तो अपने भाई को बताया करते थे कि किसी प्रकरण में जांच को लेकर उनके ऊपर दबाव है।
- आला कमान किसी पेपर पर हस्ताक्षर करने का प्रेशर डाल रहे थे।
- अज्ञात व्यक्ति उन्हें ( Anurag Tiwari) कई बार जान से मारने की धमकी भी दे चुके थे।
- इसका उन्होंने कई बार अपने भाई मयंक तिवारी से जिक्र किया था।
- आईएएस की मौत के मामले में यही बातें लिखकर सोमवार दोपहर मृतक के भाई मयंक तिवारी ने पुलिस को तहरीर दी कि इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया जाये।
- पुलिस ने तहरीर के आधार पर अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
- केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
- वहीं इस मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम भी आज अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
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एसएसपी के आदेश पर दर्ज हुआ केस
- मृतक आईएएस के भाई मयंक तिवारी ने बताया कि उन्होंने हत्या का मुकदमा दर्ज करवाने के लिए एसएसपी दीपक कुमार को प्रार्थनापत्र दिया था।
- एसएसपी ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए हजरतगंज कोतवाली प्रभारी को एफआईआर दर्ज करने के लिए आदेश दिया।
- इसके बाद हजरतगंज कोतवाली प्रभारी ने तहरीर के आधार पर मुकदमा अपराध संख्या 411/17 के तहत आईपीसी की धारा 302 का अभियोग पंजीकृत कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।
- हालांकि अभी तक की पुलिस पड़ताल में पुलिस को कुछ पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगे हैं।
क्या है पूरा घटनाक्रम ( Anurag Tiwari) ?
- गौरतलब है कि आईएएस अनुराग तिवारी लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी के साथ उनके 19 नंबर कमरे में मीराबाई मार्ग गेस्ट हॉउस में रुके थे।
- बुधवार सुबह करीब 6:30 बजे उनका शव मीराबाई मार्ग पर गेस्टहाऊस के निकट लगे ट्रांसफार्मर के सामने सड़क किनारे औंधे मुंह पड़ा मिला।
- राहगीरों ने इसकी सूचना पुलिस को दी।
- सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
- पुलिस को उनकी तलाशी के दौरान जेब से पर्स और पैसे मिले हैं।
- पुलिस ने जेब से मिले आईकार्ड के आधार पर उनकी शिनाख्त की।
- प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मृतक अधिकारी के मुंह और सिर पर चोट के निशान थे।
- आईएएस अधिकारी का शव मिलने की सूचना मिलते ही आईजी रेंज लखनऊ जय नारायण सिंह, एसएसपी दीपक कुमार सहित कई आला अधिकारी मौके पर पहुंचे।
- एसएसपी ने बताया प्रारंभिक पड़ताल में यह सामने आया है कि उन्होंने मंगलवार की रात करीब 11 बजे अपने साथियों के साथ खाना खाया।
- आशंका है कि वह सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकले होंगे और उनकी सड़क पर गिरने से मौत हो गई थी।
- पूछताछ में पता चला है कि वह मंसूरी में ट्रेनिंग लेने के बाद दो दिन पहले लखनऊ आये थे।
- फिलहाल मौत की गुत्थी अभी तक नहीं सुलझ पाई है।