राजधानी लखनऊ में उर्दू के मशहूर शायर अनवर जलालपुरी की स्मृति में आज कैफी आजमी अकादमी, पेपर मिल कालोनी में उर्दू रायटर्स फोरम द्वारा एक शोक सभा का आयोजन किया गया। शोक सभा में प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक, डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, पूर्व मंत्री डॉ अम्मार रिज़वी बड़ी संख्या में हिन्दी और उर्दू के विद्धान उपस्थित थे।
राज्यपाल ने अनवर जलालपुरी को दी श्रद्धांजलि
राज्यपाल रामनाईक ने अनवर जलालपुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये श्रीमद्भागवदगीता के श्लोक को मूलरूप में एवं उनके द्वारा उर्दू में अनूदित काव्य को भी पढ़कर सुनाया। राज्यपाल ने कहा कि अनवर जलालपुरी ने गीता और गीतांजलि का बेहतरीन अनुवाद किया है।
राज्यपाल नाईक ने कहा कि अनवर जलालपुरी अपनी रचनाओं के माध्यम से उर्दू और हिन्दी को एक मंच पर लाये। ‘मेरा उनका परिचय बहुत कम रहा, मगर कई बार उनकी रचनाओं को उनसे सुनने का अवसर मिला। उनके शब्दों में अप्रतिम ताकत थी। सही समय पर सही तरीके से अपनी बात लोगों तक रखना उनकी विशेषता थी। एक संगोष्ठी में मेरी पुस्तक ‘चरैवेति! चरैवेति!’ पर विचार व्यक्त करते हुये अनवर जलालपुरी ने जिन अच्छे शब्दों का प्रयोग किया वह मेरे लिये यादगार है।
डिप्टी सीएम ने अनवर जलालपुरी को बताया नेक इंसान
इसी दौरान डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि अनवर जलालपुरी में नेक इंसान की सारी खूबियां थी। कई बार उनका कविता पाठ सुना है। मंच पर बोलते तो लगता कि धारा बह रही है। व्यक्ति का कार्य उसे मरने नहीं देता। उनके शब्द हमेशा जीवित रहेंगे। अपनी लेखनी के माध्यम से वे हजारों साल जिएगे। अनवर जलालपुरी कुरान और गीता पर समान रूप से अधिकार रखते थे। उन्होंने कहा कि अनवर जलालपुरी में अपना बनाने की कला थी और वे लोगों को प्रभावित करना जानते थे।
अम्मार रिज़वी ने कहा कि अनवर जलालपुरी अपनी रचनाओं के माध्यम से यादों और उर्दू साहित्य में हमेशा जिंदा रहेंगे। उनकी जिन्दगी कभी न खत्म होने वाली जिन्दगी है। इसी दौरान उन्होंने डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से मांग की कि अनवर जलालपुरी के गृह जिले अम्बेडकरनगर के जलालपुर में उनके नाम से कोई डिग्री कॉलेज खोला जाये। कार्यक्रम में वकार रिज़वी ने अनवर जलालपुरी की कृतियां ‘उर्दू शायरी में गीता’ एवं ‘उर्दू शायरी में गीतांजलि’ की प्रति राज्यपाल को भेंट की।