राजनीतिक पार्टियों की भगवान हनुमान की जाति को लेकर बयानबाजी अभी थमी नहीं थी कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला में एक चौकाने वाला मामला प्रकाश में आया है। यहां राष्ट्रवादी समान अधिकार समिति संगठन एवं सवर्ण पिछड़ा एकता मंच के कार्यकर्ताओं ने भगवान् हनुमान का जाति प्रमाणपत्र बनवाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में आवेदन किया है। संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस संबंध में एक ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा है। हनुमान जी का जाति प्रमाण पत्र बनवाने के आवेदन को लेकर हाथरस जिलाधिकारी रमाशंकर मौर्या ने बयान देते हुए कहा कि जो जहां का निवासी है उसका प्रमाण पत्र वहीं बनेगा।
जानकारी के मुताबिक, बुधवार को राष्ट्रवादी समान अधिकार समिति के जिला प्रभारी एवं सवर्ण पिछड़ा एकता मंच के नेतृत्व में सैकड़ों कार्यकर्ता सिकंदराराऊ तहसील मुख्यालय पहुंचे। समिति के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा नेताओं द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अनन्य भक्त आराध्य हनुमान जी की जाति को दलित, मुसलमान, जाट, चीनी बताये जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने तहसीलदार को हनुमान जी का जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए राज्यपाल के नाम आवेदन पत्र दिया। आवेदन में हनुमान जी के पिता का नाम केसरी महाराज व माता का नाम अंजनी और उनकी जाति में क्षत्रिय वर्ण होने का उल्लेख कर जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आग्रह किया है।
संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि भाजपा नेता भगवान हनुमान की जाति बताने पर तुले हुए हैं। ये बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि भाजपा सरकार देवी देवताओं की जातियां बता रही है। गौरतलब है कि पिछले दिनों राजस्थान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद हनुमान की जाति को लेकर राजनीति जोरों पर है। यूपी के कई जिलों में पिछले दिनों हनुमान मंदिरों पर दलित कब्जा करने पहुंचे थे। दलितों का कहना था कि सीएम ने कहा है कि हनुमान दलित हैं, इसलिए हनुमान मंदिरों में पुजारी दलित होना चाहिए। इस मामले ने तूल पकड़ा था ये मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एमएलसी बुक्कल नबाव ने विवादित बयान देकर बखेड़ा खड़ा कर दिया है। अपने विवादित बयान में बुक्कल नबाव ने कहा है कि हनुमान मुसलमान थे। बुक्कल नवाब ने बयान में कहा कि मुसलमानों के नाम ही रहमान, सुल्तान, इमरान, जीशान, रेहान जैसे होते हैं उसी तरह हनुमान नाम भी मुसलमान का है इसलिए हनुमान जी मुसलमान थे। वहीं धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने विधान परिषद में हनुमान जी पर चर्चा के दौरान कहा कि जो दूसरों के फटे में टांग अड़ाए, वह जाट ही हो सकता है। उन्होंने हनुमान को जाट बताया है।
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