उत्तर प्रदेश में डेढ़ हजार शस्त्र लाइसेंस आज से निरस्त हो जाएंगे। कई बार निर्देश जारी होने के बाद भी 34 जिलों में 31 मार्च तक यूनीक आईडी की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है। इन जिलों में सैकड़ों शस्त्र लाइसेंसों के लिए यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर के आवंटन में अधिकारी नाकाम रहें।
प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पंडा ने सभी जिलों के डीएम को पत्र लिख कर सीधे तौर पर इसके लिए जिलाधिकारियों के जिम्मेदार ठहराया है, उन्होंने कहा कि यदि यूनीक आईडी का एक भी प्रकरण शेष रहा तो जिलाधिकारी सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद प्रदेश में शस्त्र लाइसेंसों पर यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबरों के आवंटन की प्रकिया पूरी की जा रही है। गृह मंत्रालय शस्त्र लाइसेंसों का एक ऐसा डाटा बेस बना रहा है, जिसमें सभी शस्त्र लाइसेंसों की जानकारी एक यूनीक आईडी नंबर के जरिये रखी जाएगी। और लाइसेंस धारकों को आठ से दस नंबर का यूनीक आईडी नंबर दिया जायेगा।
यह काम करीब दो साल से चल रहा है। पहले केंद्र ने इसके लिए अंतिम तिथि 1 अक्तूबर 2015 तय की थी, पर कई राज्यों में काम पूरा न होने की वजह से अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मार्च 2016 की गई। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने यह निर्देश भी जारी किया था कि तय तिथि तक जिन शस्त्र लाइसेंसों पर यह नंबर दर्ज नहीं हो पाएगा, उसे स्वत: ही निरस्त माना जाएगा।
उत्तर प्रदेश में अंतिम तिथि बीत जाने के बाद भी कई जिलों यह काम पूरा नहीं हो पाया है। कल शाम तक 1775 प्रकरण शेष रह गए थे। स्थिति को देखते हुए आला अफसरों का मानना है कि लगभग डेढ़ हजार लाइसेंस निरस्त हो सकते हैं।