पंजाब की नाभा जेल ब्रेक के आरोपी गोपी घनश्याम को छुड़ाने के मामले में गिरफ्तार संदीप तिवारी (Sandeep Tiwari) उर्फ़ पिंटू के प्रियंका गांधी से भी नजदीकियां बताई जा रही हैं। इतना ही नहीं कहा ये भी जा रहा है कि 2012 में कांग्रेस के टिकट पर सुलतानपुर शहर सीट से विधायक का चुनाव लड़ चुके पिंटू के पार्टी के कई बड़े नेताओं से करीबी रिश्ते हैं।
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- पिंटू को शनिवार को एटीएस व पंजाब पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया था।
- पुलिस उसके तार आतंकी संगठन बब्बर खालसा से जोड़ रही है।
- पिंटू की गिरफ्तारी कांग्रेस के लिए मुसीबत का सबब बन सकती है।
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तीन दिन की रिमांड पर पिंटू
- अमृतसर पुलिस ने पिंटू को अदालत में पेश करने के बाद तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
- सूत्रों के मुताबिक, पिंटू ने कुछ दिन पहले ही यूपी पुलिस ने गोपी घनशामपुरा को शाहजहांपुर से गिरफ्तार किया था, लेकिन उसकी गिरफ्तारी नहीं दिखाई गई।
- उसे छुड़ाने के लिए अमृतसर जेल में बंद गैंगस्टर बलजिंदर सिंह उर्फ ढोनी के कहने पर शराब कारोबारी रंधीप सिंह उर्फ रिंपल पचास लाख रुपये का बंदोबस्त कर रहा था।
- इसी में संदीप तिवारी उर्फ पिंटू का भी नाम सामने आया।
- सूत्रों का यह भी कहना है कि पिंटू के जरिए ही उप्र पुलिस के अधिकारी को पैसे पहुंचाए जाने थे।
- इतना ही नहीं पिंटू ने सुलतानपुर के साथ-साथ लखनऊ में भी अपना स्थाई ठिकाना बना रखा है।
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एटीएस के चीफ आईजी कर रहे मामले की जांच
- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से पकड़े गए नाभा जेल ब्रेक कांड के आरोपी गैंगस्टर गोपी घनशामपुरा को छुड़ाने के लिए एक बड़े पुलिस अधिकारी से डील की गई थी।
- विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार इस बड़े अधिकारी के साथ ये डील पूरी भी हो चुकी है।
- गिरफ्तार किए गए शराब कारोबारी रंधीप सिंह रिंपल, उप्र के अमनदीप सिंह और हरजिंदर सिंह काहलों ने ज्वाइंट इंटेरोगेशन के दौरान यह जानकारी दी।
- सूत्रों ने ये भी बताया कि पिंटू तिवारी (Sandeep Tiwari) के माध्यम से पैसे उत्तर प्रदेश पुलिस के एक बड़े अधिकारी तक पहुंचाए जाने थे, ताकि गैंगस्टर घनशामपुरा को छुड़ाकर पंजाब लाया जा सके।
- हालांकि जांच में जुटे अधिकारी इस बात की पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
- घनशामपुरा को छोड़ दिया गया है या नहीं इसे लेकर पूछताछ अभी जारी है।
- ढोनी ने जेल से ही शराब कारोबारी रिंपल से पैसों की बात की थी। गोपी को छोड़ने की डील पहले एक करोड़ रुपये में हो रही थी।
- लेकिन बाद में यह पचास लाख में फाइनल हुई।
- रिंपल के बाद यह डील रूबल नाम के गैंगस्टर के जरिए उत्तर प्रदेश के जिला पीलीभीत निवासी हरजिंदर सिंह काहलों और रुद्रपुर के अमनदीप सिंह के जरिए हो रही थी।
- अमनदीप और हरजिंदर ने रिंपल की मुलाकात कांग्रेस नेता पिंटू तिवारी से करवाई थी।
- जिसकी सूचना कुछ दिन पहले खुफिया एजेंसी ने पंजाब पुलिस के साथ शेयर की।
- इसके बाद पंजाब पुलिस ने पहले रिंपल, उसके साथी गुरप्रीत और फिर उत्तर प्रदेश से पिंटू तिवारी, अमनदीप सिंह और हरजिंदर सिंह को पकड़ लिया।
- एटीएस के चीफ आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह मामले की जांच कर रहे हैं।
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2012 में कांग्रेस के टिकट पर लड़ा था चुनाव
- नाभा जेल ब्रेक के आरोपी को छुड़ाने के लिए पैसे जुटाने के मामले में प्रकाश में आये पिंटू ने पर सुलतानपुर, लखनऊ में 307 और मारपीट का केस दर्ज है।
- वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किए गए शपथ पत्र के विवरण में संदीप तिवारी पर दो मुकदमों का जिक्र है।
- एक मुकदमा नगर कोतवाली में मारपीट व गाली-गलौज का है, जबकि दूसरा मुकदमा लखनऊ के थाना कैंट में हत्या के प्रयास का दर्ज है।
- इस मुकदमे की प्रक्रिया हाईकोर्ट ने स्थगित कर दी थी।
- सुलतानपुर के धनपतगंज के मूल निवासी संदीप का शहर के सिविल लाइंस में भी आवास है। जेल ब्रेक से जुड़े केस में पूर्व प्रत्याशी पिंटू की गिरफ्तारी से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
- पिंटू तिवारी (Sandeep Tiwari) कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के साथ देखा जा चुका है।
- कई खास मौकों पर वह आलाकमान के नजदीक भी दिखा।
- उसकी गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस में हड़कंप की स्थिति है।
- कोई भी नेता कुछ कहने की स्थिति में नहीं है।
- वह पार्टी का प्रदेश पदाधिकारी भी रहा है।
- ऐसी स्थिति में उसके (Sandeep Tiwari) पार्टी से रिश्तों को लेकर चर्चाएं हैं।
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