बलिया जिले के कई दर्जन गाँव आर्सेनिक युक्त(Arsenic poisoning) पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के अंतिम सिरे पर मौजूद इस जिले के कई गाँव आर्सेनिक की समस्या से जूझ रहे हैं.
बलिया एक समस्या प्रधान जिला है. करीब 35 लाख की आबादी वाला ये जिला पीने के पानी के तरस रहा है. बोतल बंद पानी खरीदकर यहाँ के लोग अपना गुजारा करते हैं. पीने लायक पानी तो दूर यहां का पानी हाथ धोने ,कपड़े धोने या नहाने के स्तर का भी नही है. पानी में आर्सेनिक इस कदर घुल चूका है कि पानी हाथ के संपर्क में आने से ही हाथ पर अजीबोगरीब दाग निकल आते हैं.
आर्सेनिक युक्त पानी से होती हैं बीमारियाँ:
- आर्सेनिकयुक्त जल की वजह से यहां के लोग कई तरह की बीमारियों के चपेट में है.
- विडम्बना ये है की अर्थाभाव ग्रसित आदमी रोटी के जुगाड़ से पहले पीने का पानी तलाश करता है.
- अब तो आलम ये है कि पान की दुकानों पर भी पानी का पाउच बिकना शुरू हो गया है.
- चुनाव में तरह-तरह के वादे करने वाले नेता इन समस्याओं को देखते हुए भी मौन हैं.
- जिले में बहुत होती है पर जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती हैं.
- केंद्र सरकार ने गंगा के पानी को पीने लायक बनाने की बात कही थी.
- लेकिन ये योजना अभी भी कागजों में ही है.
- इसके लिए सरकार के पास बजट ही नहीं है.
- कई परिवार अब पेयजल की समस्या के कारण पलायन कर चुके हैं.
- उनका कहना है कि वो अपने परिवार को इस रोक की जद में नहीं आने देना चाहते हैं.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.