समाजवादी कुनबे में बकरीद के पहले शुरू हुई जंग ‘कुर्बानियों’ के साथ आगे बढ़ती जा रही है। सुलह की हर कोशिश के बाद सतह पर ‘कलह’ ही बाहर आ रही है। ‘शक्ति प्रदर्शन’ का दौर पार्टी में काफी आगे बढ़ चुका है। रविवार को अखिलेश ने अपने कदम से साफ कर दिया है कि अब उनकी नजर ‘भविष्य’ की राजनीति पर है। हालांकि इस पूरी कवायद में सबसे अधिक भ्रम में पार्टी के कार्यकर्ता हैं। उनके लिए तय करना मुश्किल हो रहा है कि वह किस पाले में बैठें? सपा में कुर्सी पर कोई बैठा हो लेकिन सत्ता पांच विक्रमादित्य मार्ग से मुलायम की ही चलती रही है। लेकिन इस बार ‘विक्रमादित्य’ भी रास्ता नहीं निकाल पा रहे हैं।
भगवान राम की शरण में सपा मंत्रीः
- समाजवादी पार्टी अपने ‘घरेलू संग्राम से उबर नहीं पा रही है।
- एक पक्ष को साधने का प्रयास होते ही दूसरा बगावती हो रहा है।
- दो एमएलसी, एक विधायक, सफाई आयोग के अध्यक्ष समेत युवा ब्रिगेड 33 सदस्यों ने पांच नवंबर के रजत जयंती समारोह से दूर रहने का एलान कर संग्राम को नया मोड़ दिया है।
अमर-प्रेमः रामगोपाल के बदले सुर, पार्टी में नहीं है कोई बाहरी!
- इस बीच समाजवादी पार्टी के कैबिनेट मंत्री अरविंद सिंह गोप भगवान राम की शरण में पहुंच गये हैं।
- इस दौरान वन राज्य मंत्री पवन पांडेय भी उनके साथ मौजूद रहें।
- मंत्री ने अयोध्या में भगवान राम के दर्शन कर समाजवादी पार्टी के भविष्य के लिए दुआ मांगी।
- बता दें कि सपा एमएलसी आशू मलिक मंत्री पवन पाण्डेय पर पिटाई का आरोप लगा चुके हैं।
- आशू मलिक ने बताया कि पवन पाण्डेय ने उन्हे सीएम आवास में पकड़कर उनकी पिटाई कर दी।
बेनतीज समाप्त हुई सीएम और सपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक!
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