ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम को मृतक के परिजन अली मोहमद ने बताया की पड़ोस में रहने वाले किन्नर की हत्या के मामले मे काल डिटेल को आधार बनाकर थाना आशियाना की पुलिस कई दिनों से घर पर दबिश दे रही थी। उसी मामले मे क्षेत्रीय पार्षद और अपने चाचा शकील के साथ जियाउल और उसका भाई भूरा दिनांक 24.4.2018 को सुबह दस बजे थाना पर गया था। पूछताछ के नाम पर आशियाना थाना की पुलिस दोनों भाई को थाने पर बैठा लिया और परिजनों को ये कहते हुए लौटा दिया की जांच के बाद घर भेज देंगे।
लेकिन अगले दिन सुबह तक घर नहीं भेजा तो जियाउल के चाचा और परिजनों थाने पर पता करनें गए तो दबिश देने वाले अबुतालिब दरोंगा ने बताया की इधर उधर ना दौडो बड़ा मामला हैं। इसलिए पूछताछ में समय लगेगा इसलिए बैठाकर रखा है आज रात में छोड़ देंगे। दरोगा की बात पर जियाउल के परिजनों ने विश्वास कर घर लौट गये।
करंट लगाकर और प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डालकर की पिटाई
मृतक जियाउल के रिस्तेदार अब्दुल ने बताया कि उन्हें थाना आशियाना की पुलिस पूछताछ के लिए उनके घर डूडा कालोनी से ले गयीं थी और थाने में पूछताछ के नाम पिटाई किया। मुन्शी के पैर के पास बैठाकर रखा और दो दिन बाद छोड़ दिया। लेकिन उनके रिस्तेदार को पूछताछ के नाम पर थाने पर बुलवाकर जियाउल और भूरा दोनों को पुलिस ने उनकी सामने बहुत ही बेरहमी से बिजली का करेन्ट लगाकर और प्राईवेट पार्ट में पेट्रोल डालकर मारा। जिससे जिआउल की मौत हो गई है और भाई भूरा बीमार है। पुलिस की डर की वजह से घर पर नहीं रुकते हैं।
पिटाई ऐसी की रूह कांप जाये
मृतक का भाई और पीड़ित भूरा ने रोते हुए बताया की उनकी पिटाई सीओ कैन्ट तनु उपाध्याय के कहने और उनकी मौजूदगी में थानप्रभारी आशियाना सब इंस्पेक्टर अबू तालिब ने अन्य पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर चार दिनों तक आखों पर पट्टी बाधकर अलग-अलग जगह गाडी में ले जाती और वहां पर पट्टे से पिटाई और करेंट लगवाती थी फिर होश में लाने के लिए प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डलवाती थी फिर होश में आने पर पिटाई करवाती। भूरा ने बताया की यह सिलसिला चार दिनों तक चलता रहा।
आशियाना थाने में रखकर भी पीटा
भूरा ने बताया की उसके भाई को अशियाना थाना पर और उसे पीजीआई थाने पर रखा था। उसने बताया की जब वह बेहोश हो गया तब पुलिस ने उसके ऊपर पानी डाला जिससे वह होश में आया। लेकिन उसकी हालात ख़राब हो गया। फिर उन लोगों ने हालात खराब होते देख धमकी देते हुए घर लाकर छोडें और बोले की किसी भी अस्पताल में ईलाज के लिए नहीं जाना नहीं तो हमेशा के लिए अन्दर कर देगें। पुलिस की डर की वजहों से पीड़ित ने ना शिकायत किया और नही अपना इलाज जिसके कारण जियाउल की मौत हुई।
थानेदार ने थप्पड़ और गलियां देकर भगाया
ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम के अनुसार, 25.4.2018 की सुबह मृतक के चाचा शकील थाने पर गयें वहां पर थानाप्रभारी से मिलकर अपने बच्चे की जानकारी मांगी तो थानप्रभारी ने गन्दी 2 देते हुए झापड़ मारकर ये कहते हुए भगा दिया कि अब दूबारा यहां दिखाई नहीं देना जांच चल रहा है। जांच पूरी होने पर उन्हें छोड़ देगें अगर दुबारा थाने पर दिखाई दिये तो तुम्हें भी हवालात में डाल देगें। जिस पर वह पुलिस की धमकी से डर गये और घर चले आये। घर आकर परिजनों और क्षेत्रीय नेता से बात किया जिस पर नेता ने थानाप्रभारी से बात किया और बताया कि उसके घर वालों से कह दिजिए की चुप मारकर बैठे रहे जांच पूरी होने पर आज कल में छोड़ देगें।
पैर पकड़कर रोये परिजन, दारोगा बोला सीबीआई जांच चल रही
अगले दिन दिनांक 26.4.2018 को युवक के दूसरे चाचा मो. अयूब जो भाजपा पार्टी की जिला इकाई के नेता हैं। जब वह अपने परिचितों को लेकर थाने पर गयें तो वहां पर अबुतालिब नाम का दरोंगा ने कहा कि सीबीआई जांच चल रही है आजकल में जांच पूरी हो जायेगी। उसके बाद उन्हें छोड दिया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वह थानाप्रभारी के पैर पकड़ कर रोने लगे और बोले कि साहब हमारा बच्चा निर्दोष है। उसनें और हमारे परिवार ने तो किन्नर के बहुत हितैषी थे और उसकी बहुत मदद किया करते थे। आप चाहे तो पूरे मोहल्ले में जाकर पूछ लिजिए। इतने मे थानप्रभारी गुस्से में गाली देते हुए आये और लात मारकर थाने से भगा दिया और बोले ज्यादा नेतागिरी ना करना नहीं तो लड़के को देख नहीं पाओगे जाओ घर जाकर चुप मारकर बैठो जियाउल कल घर पहुंच जायेगा।
50 हजार रुपये की दरोगा ने की थी मांग
उन्होंने ये भी बताया की थाने पर तैनात एक दरोंगा ने कहा कि अगर तुम लोग 50 हजार रुपये लेकर आओ तो साहब अभी छोड़ देंगे। परिजनों ने अपनी लाचारी बताया और कहा की साहब हम लोग बहुत गरीब है। हम लोगों के पास इतने रुपये नहीं है। जिस पर वहीं खडे अबुतालिब ने कहा की ज्यादा परेशान मत हो उसे आज रात में छोड देगे। लेकिन नहीं छोड़ा और नहीं मिलने दिया।
आईडी लाने पर कही थी छोड़ने की बात
फिर दिनांक 28.4.2018 को शाम में दरोंगा अबुतालिब दो सिपाहियों के साथ जियाउल के घर आया और बोला कि आज रात 9 बजे थाने पर अपने लड़को की आईडी लेकर आना उसे छोड़ देंगे। जिस पर परिजन थाने पर गए और वहा से रात में 11 बजे घर के तीन बच्चों को क्रमश जियाउल, भूरा, अली अकबर को ये कहते हुए छोड़ा किकी इसे कहीं भी घर से बाहर मत ले जाना और ना हीं कोई लिखापढ़ी करना, नही तो यहीं हाल तुम्हारे पूरे परिवार का होगा। पुलिस की धमकी से परिवार डर गया जिसके कारण उसने कोई भी लिखा पढी नहीं किया।
अस्पताल ले जाने पर दारोगा ने दी थी धमकी
उपरोक्त दरोंगा ने यह भी धमकी दिया कि तुम लोग किसी भी सरकारी अस्पताल पर दिखाई दिये तो हमेशा के लिए अन्दर कर दूगा। मृतक के परिजन गरीबी के कारण प्राईवेट अस्पताल मे इलाज कराने नहीं गये बस मेडिकल स्टोर से दर्दनिवारक गोलियां लाकर खिलाया। जिससे कुछ दर्द तो कम हुआ लेकिन जियाउल बिस्तर पर पडा रहा। दिनांक 03.05.2018 की शाम जियाउल की अचानक तबियत ज्यादा खराब हो गई और उसे खून की उल्टी होने लगी तब परिजन अस्पताल ले गए लेकिन मुंशी पुलिया के पास साईं अस्पताल में भर्ती करने के तुरंत बाद ही उसकी मृत्यु हो गई।
एएसपी ने कहा- मृतक बलात्कार के केस में जा चुका था जेल
उपरोक्त मामले में जांच टीम ने एसपी उत्तरी अनुराग वत्स से पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में की जा रही कार्यवाही के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया की मृतक जियाउल के ऊपर 2015 में बलात्कार करने के अपराध में जेल जा चुका हैं। पुलिस के ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहें है वह गलत हैं। एक हत्या के मामले में मृतक को पूछताछ के लिए लाया गया था। जिसे पूछताछ कर छोड़ दिया गया था। मृतक के परिवार जानो की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है आरोप सही होने पर कार्यवाही की जायेगी।
सीओ को हटाने की मांग कर रहा फोरम
ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम जियाउल के हत्यारे आरोपी पुलिसकर्मियों को सजा दिलाने के लिए पीड़ित परिवार को देगा निशुल्क कानूनी मदद। ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम ने सरकार से मांग किया हैं निष्पक्ष जांच के लिए तत्काल सभी आरोपियों सहित घटना में शामिल कैन्ट क्षेत्राधिकारी तनु उपाध्याय को जनपद से हटायें। पीड़ित परिवार को मुआवजा और सुरक्षा दिया जाय। फोरम पुलिस हिरासत में पिटाई से हुए मौत की पूरे घटना की विस्तृत रिपोर्ट जल्द जारी करेगा। जांच टीम में संजय भारती, मुन्ना प्रजापति सुरेश और अमित शामिल रहे।