राजधानी लखनऊ में सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा का एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्ण व एसएसपी कलानिधि नैथानी ने परीक्षा केंद्रों पर पहुंचकर निरीक्षण किया। एसएसपी और एडीजी ने परीक्षा केंद्रों में बने मॉनिटरिंग कक्ष का जायजा लेते हुए सीसीटीवी कैमरो को भी चेक किया गया। यहां किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं पाई गई। एडीजी ने बताया कि परीक्षा सुचारु रुप से चल रही थी। उन्होंने बताया कि पुलिस, प्रशासन व विभागीय अधिकारी इस परीक्षा के लिए पहले से ही पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के साथ तैयार थे।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में सरकारी प्राइमरी स्कूलों में होने वाली 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती की परीक्षा 6 जनवरी को आयोजित की गई। इसके लिए पुख्ता इंतजाम किये गए थे। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने सभी जिलों को प्रश्न पत्र, अभ्यर्थियों की सूची व उपस्थिति पत्रक पहले ही भेज दिए थे। वे शिक्षामित्र परीक्षा में शामिल हो सके, जिन्होंने गलती से प्रशिक्षण योग्यता के कॉलम में गलत कोड भर दिया था। ऐसे शिक्षामित्रों को ऑफलाइन प्रवेश पत्र दिये गए थे। इस संबंध में गुरुवार को विशेष सचिव चन्द्रशेखर ने आदेश जारी कर दिया था। कई शिक्षामित्रों ने अपनी प्रशिक्षण योग्यता दूरस्थ बीटीसी की जगह विशिष्ट बीटीसी भर दी थी, इसके चलते उन्हें आयुसीमा में छूट का लाभ नहीं मिला और आवेदन निरस्त हो गये। नियमानुसार 40 वर्ष तक के अभ्यर्थी ही भर्ती के पात्र हैं लेकिन शिक्षामित्र रिटायर होने की आयु तक आवेदन के पात्र हैं। वहीं जिन अभ्यर्थियों को कोर्ट के आदेश पर परीक्षा में शामिल किया जा रहा है, उन्हें भी 5 जनवरी तक ऑफलाइन प्रवेश पत्र दिए गए और उनका परीक्षा केंद्र भी प्रयागराज में ही था। .
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]प्रदेश में 800 केंद्रों पर हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा[/penci_blockquote]
परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने मंडल मुख्यालयों पर प्रश्न पत्र भेजने काम गुरुवार से शुरू कर दिया था। इसमें अतिरिक्त सर्तकता बरती जा रही थी। शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा में 4.30 लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठे। मंडल मुख्यालयों पर लगभग 800 परीक्षा केन्द्र बनाए गये थे। सबसे अधिक 52559 परीक्षार्थियों के लिए 105 केंद्र बनाए गए, वाराणसी 35 केंद्र बनाए गए थे। बता दें कि आगरा में 32000 हजार अभ्यर्थी, लखनऊ में 41448, कानपुर 33383, वाराणसी में 35182 और मेरठ में 38237अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा केंद्र शहर की सीमा में बनाए गए थे।परीक्षा के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। परीक्षा केंद्र व इसके आसपास धारा 144 लगाई गई थी और प्रवेश द्वार पर वीडियोग्राफी भी कराई गई।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ट्रेन, बसों पर परीक्षार्थियों का कब्जा[/penci_blockquote]
यूपीटीईटी की प्रवेश परीक्षा देने के लिए परीक्षार्थी शनिवार से ही राजधानी में डेरा जमाये हुए थे। राजधानी के चारबाग रेलवे स्टेशन और आलमबाग, कैसरबाग बस अड्डे के निकट फुल रहे। लाखों की संख्या में आये परीक्षार्थियों की भीड़ से ऑटो, टेम्पो, ई-रिक्शा, सिटी बसें भी फुल रही। परीक्षार्थियों की भीड़ से शहर में जाम की स्थिति बनी रही। सवारी के इंतजार में लोगों को घंटों खड़े रहना पड़ा। वहीं, ट्रेनों में अभ्यर्थियों ने त्रिवेणी एक्सप्रेस, गंगा गोमती सहित कई एक्सप्रेस में कब्जा कर लिया। सीट को लेकर यात्रियों व छात्रों के बीच काफी हंगामा भी हुआ। परीक्षा समाप्त होने के बाद शाम को काफी संख्या में छात्र चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंच गए। इससे प्लेटफार्म व ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बढ़ गई। अभ्यर्थियों ने स्लीपर कोचों पर अपना कब्जा जमा लिया। सबसे अधिक परेशानी हिमगिरी एक्सप्रेस, गंगा-गोमती एक्सप्रेस, चित्रकूट एक्सप्रेस, त्रिवेणी एक्सप्रेस समेत एक दर्जन से अधिक ट्रेनों के यात्रियों को हुई। लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, इलाहाबाद जाने वाली विभिन्न ट्रेनों में परीक्षार्थियों के चढ़ने की मारामारी हुई। यात्रियों का कहना है कि परीक्षा के वक्त ट्रेनों में भीड़ बढ़ जाती है। इससे आरक्षित यात्रियों को काफी परेशानी होती है। प्रशासन को परीक्षा के लिए स्पेशल ट्रेन चलानी चाहिए जिससे परीक्षार्थियों के साथ आरक्षित यात्रियों को भी सहूलियत मिले।
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