राजधानी में बुधवार को अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रदर्शन के दौरान लखनऊ पुलिस के लाठीचार्ज पर सवालिया निशान लग गया है. लाठीचार्ज के बाद मची भगदड़ में एक शिक्षक को अपनी जान गंवानी पड़ी. पुलिस बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बम्पर लाठीचार्ज किया.
पुलिस के बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज में कई हुए जख्मी:
- इस लाठीचार्ज में कई लोग बुरी तरह जख्मी हो गए, जिन्हें सिविल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.
- हॉस्पिटल में भी अफरा-तफरी का माहौल था.
- हॉस्पिटल के बाहर अटेवा कर्मचारियों का जमावड़ा लगा हुआ था.
- पुलिसकर्मियों द्वारा बदसलूकी के बाद भी अटेवा कर्मचारी अपने जख्मी सहयोगियों का हाल-चाल लेने के लिए हॉस्पिटल के बाहर रुके रहे.
- दोषी पुलिसकर्मियों को बचाने की कवायद हुई तेज, नहीं सार्वजनिक की गई पोस्टमार्टम रिपोर्ट:
- हॉस्पिटल प्रबंधन द्वारा शिक्षक के शव का पोस्टमार्टम किया गया.
- लेकिन ये पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है.
खास पुलिसकर्मियों को बचाने में जुटा प्रशासन:
- पुरे मामले में लीपापोती करने की पूरी कोशिश की जा रही है.
- दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई करने के बजाय प्रशासन उन्हें बचाने के तरीके ढूंढ रहा है.
- सिपाही को सस्पेंड करके पूरे मामले में कार्यवाई करने की औपचारिकता पूरी की जा रही है.
- जबकि खुलेआम लाठीचार्ज मानकों का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों पर प्रशासन मौन है.
- सिर पर लाठी भांजते लखनऊ के एसपी शिवराम यादव और सीओ अशोक कुमार वर्मा देखे गए.
- लेकिन प्रशासन इनपर कोई कार्यवाई करने के मुड में नहीं है.
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