राजधानी में बुधवार को पुरानी पेंशन बहाली को लेकर ‘ऑल टीचर इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन’ (अटेवा) द्वारा विधान सभा का घेराव करने जाते समय पुलिस ने बम्पर लाठियां बरसाईं थीं। इस दर्दनाक घटना में कुशीनगर के रहने वाले डॉ. राम आशीष सिंह की मौत हो गई। जबकि काशगंज के नीरज प्रकाश, बिजनौर निवासी प्रदीप कुमार, मैनपुरी निवासी ओंकार सिंह सहित दर्जनों कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इस पूरे प्रकरण की जांच में खेल करते हुए लाठी चलवाने वाले दोषी एएसपी पूर्वी शिवराम यादव को ही जांच सौंपी गई जो किसी कर्मचारी के गले नहीं उतर रही है।
देखिये एक्सक्लूसिव तस्वीरें:
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बेगुनाहों पर कार्रवाई दोषियों पर रहम क्यों?
- अतेव के कार्यकर्ताओं पर हुए बर्बरतापूर्वक लाठीचार्ज की पूरे देश में निंन्दा हो रही है।
- इस घटना में दोषी अधिकारी तो बच गए लेकिन बुधवार सुबह इंस्पेक्टर हजरतगंज राजकुमार सिंह की दादी का देहांत हो गया था।
- वह अवकाश पर जा रहे थे, लेकिन प्रदर्शन के कारण दादी की मौत पर भी अवकाश नहीं मिला।
- शाम को आला अधिकारियों ने उनके ऊपर और निर्दोष सिपाही पर कार्रवाई करते हुए लाइन हाजिर कर दिया जबकि सिपाही को निलंबित किया गया।
- पूरे प्रकरण में प्रदर्शनकारियों के सीध सिर पर लाठियां चलाने वाले एएसपी पूर्वी शिवराम को अफसरों ने बचा लिया और उन्हीं को मामले की जांच सौंप दी गई।
- इस प्रकरण में अपराध नियंत्रण में फेल एसएसपी मंजिल सैनी पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
- मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शिक्षक की मौत पर मरहम लगाते हुए मृतक शिक्षक के परिजन को नौकरी।
- 5 लाख का परिजनों को मुआवजा राशि, अटेवा की मांग को लेकर प्रमुख सचिव वित्त की अध्यक्षता में कमेटी कर उनकी चार मांगें मान लीं।
- आक्रोशित कार्यकर्ताओं ने पूरे प्रदेश में कार्यबहिष्कार कर दिया।