पुरानी पेंशन बहाली को लेकर ‘अटेवा’ ने आज को महारैली कर विधान भवन को घेरेंगे. इस रैली में प्रदेश भर के शिक्षक एवं कर्मचारी, अधिकारी शामिल हो रहे हैं. घेराव के साथ ही अन्य राज्यों की भांति सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जायेगी। इस दौरान अभी भारी संख्या में शिक्षक एवं कर्मचारी लक्ष्मण मेला मैदान में प्रदर्शन कर रहे हैं. ये लोग पुराने पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं.
पुरानी पेंशन बहाली के लिए लड़ रहे जंग:
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा है कि पुराने पेंशन की बहाली के लिए सरकार से जंग जारी रहेगी. उन्होंने बताया कि –
- 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को बुढ़ापे में दी जाने वाली पुरानी पेंशन को समाप्त कर दिया गया है।
- जिससे प्रदेश के दस लाख से अधिक युवा शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी निराशा है।
- उनका भविष्य अन्धकार मय हो गया है।
- भारत के तीन राज्य पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं केरल में आज भी वहां सरकारों ने अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए पुरानी पेंशन जारी रखी है।
एक देश में दो कानून कैसे?
कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव के अनुसार,
- एनपीएस में कर्मचारियों के वेतन, ग्रेड पे व महंगाई भत्ता के 10 प्रतिशत कटौती की गई है.
- उतनी ही धनराशि सरकार द्वारा जमा कर निजी कंपनियों को उनका धंधा चलाने के लिए दिया जाना घोर अन्याय है.
- किसी प्रकार की रिटर्न गारन्टी न देकर केवल बाजार आधारित गांरटी देना कर्मचारियों, शिक्षकों के बुढापे को अंधकार में डाल दिया है।
- सेन्सेक्स और निफ्टी के उतार- चढाव से स्पष्ट है कि पूरे सेवाकाल के बाद शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवानिवृत्ति पर जीपीएफ ब्याज दर पर भी पैसा नहीं मिल पायेगा.
- इन लोगों की शिकायत है कि एक ही देश में डॉ कानून कैसे हो सकते हैं.
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