पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अटेवा सात दिसंबर को महारैली कर विधान भवन का घेराव करेगा। यह जानकारी ‘ऑल टीचर इम्प्लॉइज वेलफेयर एसोसिएशन’ (अटेवा) के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धुु ने दी। उन्होंने बताया कि रैली में प्रदेश भर के शिक्षक एवं कर्मचारी, अधिकारी शामिल होंगे। घेराव के साथ ही अन्य राज्यों की भांति सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की मांग की जायेगी।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए लड़ रहे जंग
- संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2005 के बाद नियुक्त शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को बुढ़ापे में दी जाने वाली पुरानी पेंशन को समाप्त कर दिया गया है।
- जिससे उत्तर प्रदेश के दस लाख से अधिक युवा शिक्षकों, कर्मचारियों व अधिकारियों में भारी निराशा है।
- उनका भविष्य अन्धकार मय हो गया है।
- उन्होंने बताया कि भारत के तीन राज्य पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं केरल में आज भी वहां सरकारों ने अपने कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए पुरानी पेंशन जारी रखी है।
एक देश में दो कानून कैसे?
- विजय ने बताया कि एक देश में दो कानून यह कैसा न्याय है।
- कर्मचारी नेता अमर नाथ यादव ने बताया कि एनपीएस में कर्मचारियों के वेतन, ग्रेड पे व महंगाई भत्ता के 10 प्रतिशत कटौती और उतनी ही धनराशि सरकार द्वारा जमा कर निजी कंपनियों को उनका धंधा चलाने के लिए दिया जाना घोर अन्याय है।
- अंशदायी पेंशन योजना में किसी प्रकार की रिटर्र्र्न गारन्टी न देकर केवल बाजार आधारित गांरटी देना कर्मचारियों, शिक्षकों के बुढापे को अंधकार में डाल दिया है।
- सेन्सेक्स और निफ्टी के उतार- चढाव से स्पष्ट है कि पूरे सेवाकाल के बाद शिक्षकों कर्मचारियों व अधिकारियों को सेवानिवृत्ति पर जीपीएफ ब्याज दर पर भी पैसा नहीं मिल पायेगा, इस बात की पूरी स भावना है।
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