उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ प्रयासरत हैं लेकिन उन्हीं के जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते मुख्यमंत्री के सपनों को पलीता लगाया जा रहा है। ताजा मामला यूपी की राजधानी लखनऊ से सटे हुए बाराबंकी जिले के असंद्रा का है जहां प्रतिबंधित पशुओं से भरा ऑटो रिक्शा ग्रामीणों की सूचना पर पकड़ा गया मगर आश्चर्य तब हुआ जब थाना असंद्रा में वह ट्रक गायब मिला। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।
थाना से गायब मिली प्रतिबंधित पशुओं से लदी गाड़ी :
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, थाना असंद्रा क्षेत्र के बबुरी गांव के पास मंगलवार रात लगभग 10 बजे बहरेला मवई संपर्क मार्ग पर एक ऑटो का आधा हिस्सा ढका हुआ जा रहा था। उधर से दूध देकर लौट रहे बांसूपुर गांव निवासी अमर बहादुर सिंह को गाड़ी के अंदर मवेशी दिखाई दिए उन्होंने आसपास के ग्रामीणों को सूचित किया जिसके बाद दर्जनों ग्रामीणों ने रास्ता जाम कर ऑटो को रोक लिया। इसके बाद ग्रामीणों ने डायल 100 को सूचित किया।
टीम ने मौके पर पहुंच कर प्रतिबंधित पशुओं से लदा ऑटो रिक्शा जब्त कर लिया। गाड़ी को थाना असंद्रा लाया गया मगर ताज्जुब की बात तो तब हुई जब थाना असंद्रा से वह रिक्शा गायब मिला जिसके बाद असंद्रा थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार वर्मा पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया की इन्होंने पैसे लेकर गाड़ी छोड़ दी है।
इससे पहले भी मिली थी थाना असंद्रा को पशुओं की एक खेप :
ग्रामीणों ने बताया कि यह कोई पहली बार नहीं हुआ है इससे पहले भी कई बार गाड़ियां पकड़ी गई और रास्ते से मोटी रकम लेकर छोड़ दी गई। हाल ही में गांव पलौली थाना क्षेत्र असंद्रा में सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने लगभग एक दर्जन प्रतिबंधित पशुओं का खेप बरामद किया मगर किसी प्रकार की जिम्मेदारी ना दिखाते हुए मामले को वही दबा दिया गया जबकि पुलिस को मालूम है कि यह पशु तस्करी के लिए ले जाए जा रहे थे। ग्रामीण चीख-चीख कर कहते रहे मगर पुलिस ने किसी प्रकार की कार्यवाई ना करते हुए पशुओं को मुक्त कराकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
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