उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार 9 दिसम्बर को विधानसभा के सामने स्वशासी-स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। स्वशासी कर्मचारी अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारी महासंघ द्वारा इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर मांग पत्र को प्रेषित कर चुके हैं।

Autonomous employees protest

 

उपेक्षात्मक रवैया से कर्मचारी महासंघ में रोष की स्थिति:

  • राजधानी लखनऊ स्थित विधानसभा के सामने स्वशासी-स्वायत्तशासी कर्मचारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।
  • कमचारी महासंघ अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा है।
  • कर्मचारियों के अनुसार, महासंघ द्वारा 25 जुलाई और 7 सितम्बर को अपने मांग पत्र को प्रेषित किया था।
  • वहीँ कर्मचारी महासंघ ने बताया कि, वो अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए द्विपक्षीय वार्ता के लिए भी तैयार हैं।
  • उन्होंने आगे बताया कि, कर्मचारी बहुत समय से वार्ता के लिए समय मांग रहे है, लेकिन वार्ता हेतु समय नहीं दिया जा रहा है।
  • वहीँ सरकार के उपेक्षात्मक रवैये के चलते कर्मचारी महासंघ में रोष की स्थिति बनी हुई है।

Autonomous employees protest

12 सूत्रीय मांगें:

  • स्वशासी संस्थाओं में कार्यरत कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी बनाया जाये।
  • राज्य कर्मचारियों के समान पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाये।
  • सांतवें वेतन आयोग की संस्तुतियां स्वशासी संस्थाओं में लागू की जाये।
  • स्वशासी संस्थाओं में रिक्त पदों पर अभियान चलाकर भर्ती कराया जाये।
  • कंप्यूटर ऑपरेटर्स और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर पूर्व की भांति सीधी भर्ती के माध्यम से नियुक्तियां की जायें।
  • पांचवें और छठवें वेतनमान के एरियर का भुगतान कराया जाये।
  • कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाये।
  • वेतन विसंगतियों के लंबित मामलों को अभियान चलाकर 15 दिनों के भीतर निस्तारित किया जाये।
  • स्वशासी संस्थाओं में ए०सी०पी० की सुविधा राजाज्ञा से अविलम्ब जारी करायी जाये।
  • दो ग्रेड-पे के स्थान पर केवल एक ही ग्रेड-पे रखा जाये।
  • वाहन चालकों को 2800 और चतुर्थ श्रेणी को 2400 का न्यूनतम ग्रेड-पे अनुमन्य किया जाये।

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