राम जन्मभूमि विवाद पर आज से सुप्रीम कोर्ट में रोजाना सुनवाई होनी थी. अनुवाद न होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने तारीख देते हुए कहा कि 14 मार्च को अब अगली सुनवाई होगी. 2.77 एकड़ भूमि का ये विवाद राजनीतिक अखाड़े का केंद्र भी है. इसके इर्द-गिर्द देश की राजनीति घुमती रही है. इसके पहले कोर्ट ने कहा था कि 8 फरवरी के बाद सुनवाई नहीं टलेगी. सबसे पहले ओरिजनल टाइटल सूट दाखिल करने वाले दलीलें रखेंगे, फिर बाकी अर्जियों पर बात होगी. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि इसे भूमि विवाद की तरह ही देखा जाये. अनुवाद अधूरा होने के कारण फ़िलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को 14 मार्च को सुनवाई के लिए टाल दिया है.
आचार्य सत्येंद्र दास को उम्मीद, अब टेंट से बाहर आएंगे रामलला
राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई को लेकर अयोध्या में रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सुप्रीम कोर्ट मामले में डे-टु-डे सुनवाई को सुनिश्चित करें ताकि राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में फैसला जल्द आए. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपेक्षा की है कि 2018 में ही इस मामले का फैसला आ जाए. उन्होंने उम्मीद जताई कि भगवान राम लला अब जल्द टेंट से निकलकर भव्य मंदिर में विराजमान होंगे. राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में फैसले में देरी को लेकर आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि राजनीति के कारण मामले का हल नहीं निकल रहा है. राजनेता नहीं चाहते कि इस मामले का हल निकले लेकिन सुप्रीम कोर्ट से अब उम्मीद है कि राम मंदिर बाबरी मस्जिद मामले में जल्द फैसला आएगा.
अयोध्या मामले में आज हुई SC में सुनवाई:
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अबतक दायर मुख्य याचिकाओं की होगी सुनवाई.
- बाकी याचिकाकर्ताओं की सुनवाई बाद में होगी
- अब कोई पक्षकार नहीं जोड़ा जायेगा.
- केस से जुड़े मृत लोगों के नाम हटाये जायेंगे.
- हाशिम अंसारी का नाम हटाया जायेगा.
- गीता और वाल्मीकि रामायण के अंश अंग्रेजी में अनुवाद करें.
- केस से जुड़े मृत लोगों के नाम हटाये गए.
- राजनीतिक और भावनात्मक दलीलें नहीं सुनी जाएंगी.
- ये जमीन का मामला, तर्क के आधार पर होगी सुनवाई.
- दस्तावेजों का अनुवाद 2 हफ्ते में कोर्ट में जमा करें.
- यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- मामले में कुल 504 सबूत और 87 गवाह हैं.
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, क़ानूनी दलीलों के आधार पर होगी सुनवाई
- सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से एज़ाज मकबूल ने कोर्ट में कहा है- अभी दस्तावेज़ का अनुवाद पूरा नहीं हुआ है, जिन्हें सुनवाई के दौरान कोर्ट में पेश किया जाना है.
- अभी दस किताबें और दो वीडियो कोर्ट के सामने पेश किए जाने हैं. 42 हिस्सों में अनुवादित दस्तावेज कोर्ट में जमा किए जा चुके हैं