अयोध्या और नेपाल के बीच के रिश्ते त्रेतायुग से हैं. नेपाल के धनुसुका जिले में जनकपुर से ही श्री राम माता सीता से विवाह कर उन्हें अयोध्या लेकर आये थे. रामायणकाल से बने अयोध्या और जनकपुर के रिश्ते को योगी सरकार और मजबूत अटूट करने जा रही है।
जनकपुर और अयोध्या के बीच चलेगी बसें:
प्रदेश सरकार ने अयोध्या से जनकपुर के बीच बस सेवा प्रस्तावित की है। सरकार की इस पहल से भारत और नेपाल के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों में और मिठास बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
बता दे कि जनकपुर नेपाल का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. ये नगर प्राचीन काल में मिथिला की राजधानी माना जाता है. यह राजा जनक की नगरी हुआ करती थी, जो सीता माता के पिता थे. यह शहर भगवान राम की ससुराल के रूप में विख्यात है.
अयोध्या और जनकपुर के रिश्तों को प्रगाढ़ करने की एक पहल। 11 मई को जनकपुर से अयोध्या के लिए वातानुकूलित बस को पीएम मोदी दिखायेगें हरी झंडी।
माता सीता का मायका है नेपाल का जनकपुर:
अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने माता सीता के मायके और ससुराल के बीच के अंतर को कम करने की पहल की है. इसी कड़ी में जनकपुर से अयोध्या के लिए वरतानुकुलित बस की शुरुआत की जाएगी.
12 मई को मेहमानों से भरी बस अयोध्या पहुचेगी. जहाँ से सीएम योगी हरी झंडी दिखा कर बस को जनकपुर के लिए रवाना करेंगे.
बता दे कि सीएम योगी अयोध्या के राम कथा पार्क से बस को रवाना करेंगे. इसको लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. परिवहन निगम भी अपनी तैयारियों को मुकम्मल करने में जुट गया है. परिवहन आयुक्त पी गुरुप्रसाद ने अयोध्या पहुँच तैयारियों का जायजा लिया है.
गौरतलब है कि सीएम योगी अयोध्या और जनकपुर के बीच बस सेवक की इस शानदार कवायद को तब अंजाम देंगे, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नेपाल दौरे पर होंगे.