लखनऊ: अयोध्या स्थित विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में आरोपियों के खिलाफ CBI जाँच चल रही थी. इसी मामले में दोषी महंत धर्मदास के अदालत में हाज़िर न होने के कारण उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गे था.इसके बाद अब अदालत में महंत धर्मदास के अधिवक्ता हाज़िर हुए. जिसमे अदालत ने 27 जून को महंत धर्मदास को कोर्ट में हाजिर होने के लिये समय दिया है.
अदालत में अधिवक्ता हुए थे हाज़िर
- महंत धर्मदास ने सीबीआई की स्पेशल कोर्ट (अयोध्या प्रकरण) में आत्मसमर्पण किया था.
- लेकिन उसके बाद महंत धर्मदास कोर्ट में पेशी पर नहीं गए थे.
- बात दें कि रायबरेली की स्पेशल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को लखनऊ स्थित सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था .
- इसके बाद इसके बाद अब अदालत में महंत धर्मदास के अधिवक्ता हाज़िर हुए.
- जिसमे महंत धर्मदास अदालत में गैरहाजिर रहे थे.
- तभी अदालत ने आगामी 27 जून को को कोर्ट में हाजिर होने के लिये समय दिया है.
ये था पूरा मामला
- 6 दिंसबर, 1992 को विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थी.
- सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था.
- जिसमें 13 मुल्जिमों को अदालत ने आरोप के स्तर पर ही डिस्चार्ज कर दिया था.
- सीबीआई की ओर से इस आदेश को पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई.
- इधर, लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) में फैजाबाद के तत्कालीन डीएम समेत कुल 28 मुल्जिमों के मुकदमे की कार्यवाही शुरू हो गई.
- हालांकि, अब तक इनमें से 6 मुल्जिमों की दौरान विचारण मौत हो चुकी है.
- जबकि लाल कृष्ण आडवानी समेत 8 मुल्जिमों के मामले की कार्यवाही रायबरेली की विशेष अदालत में चलने लगी.
- इनमें अशोक सिंघल व गिरिराज किशोर की दौरान विचारण मौत हो चुकी है.
- 19 अप्रैल, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाही को लखनऊ स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में स्थानांतरित कर दिया.
- कोर्ट ने कहा कि लखनऊ की विशेष अदालत दिन-प्रतिदिन सुनवाई कर 2 साल में मुकदमे का निस्तारण करेगी.