उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन के आउटर पर उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक पैसेंजर ट्रेन के इंजन से आग लग गई। पैसेंजर ट्रेन के इंजन से आग की लपटें देख यात्रियों ने शोर मचाना शुरू किया। यह देख ट्रेन का ड्राइवर बाहर आया और उसने अधिकारियों को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची दमकल और रेलवे अधिकारियों ने आग को बुझाया।
इस दौरान पैसेंजर ट्रेन घंटों खड़ी रही। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। बताया जा रहा है कि आग अयोध्या वाराणसी मुगलसराय पैसेंजर ट्रेन के इंजन में लगी थी। जिस समय आग लगी उस समय ट्रेन माल एवेन्यू पुल के पास खड़ी हुई थी। फिलहाल आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है हालांकि इस मामले में जांच की जा रही है। आग लगने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई ट्रेनों में आग लग चुकी है।
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15 जनवरी 2018 को दिल्ली से चलकर पटना को जाने वाली मगध एक्सप्रेस ज्यों ही डुमरांव स्टेशन से आगे बढ़ी तभी इंजन से धुआं निकलने लगा। तेज धुआं निकलता देख ड्राइवर ने अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाई और गाड़ी से कूदकर बाहर आ गया। इसके बाद बोगियों से इंजन को अलग किया गया। अचानक ब्रेक लगने से यात्रियों में भी अफरा-तफरी मच गई और ट्रेनों से बाहर निकल आए। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि बक्सर-पटना रेलखंड पर रघुनाथपुर और टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन के बीच मगध एक्सप्रेस के इंजन में किसी कारणवश आग लग गई।
10 जनवरी 2018 को बिहार के मोकामा में खड़ी पटना-मोकामा पैसेंजर ट्रेन में देर रात आग गई। दो इंजन सहित ट्रेन की छह बोगियां जलकर पूरी तरह खाक हो गई हैं। ट्रेन मोकामा से पटना जाने के लिए शंटिंग में खड़ी थी। दमकल की कई गाड़ियों को बुलाकर आग पर काबू पाया गया।
07 मार्च 2016 को बरेली से इलाहाबाद जा रही एक पैसेंजर ट्रेन के इंजन में आग लग गई। हादसा प्रतापगढ़ के चिलबिला रेलवे स्टेशन पर हुआ। मौके पर चुस्ती दिखाते हुए स्टेशन के स्टाफ ने आग पर काबू पा लिया। इसके बाद दूसरा इंजन लगाकर ट्रेन को आगे की ओर रवाना किया गया।
11 जुलाई 2015 को सुलतानपुर से वाराणसी जा रही पैसेंजर ट्रेन संख्या 54264 के इंजन में लम्भुआ के पास अचानक आग लग गई। उच्चाधिकारियों को घटना की जानकारी देते हुए चालक सूझबूझ से ट्रेन को लम्भुआ स्टेशन तक लाया। जहां पर अग्निशमन यंत्रों व पानी डालकर आग पर आनन-फानन में काबू पा लिया गया। जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि ट्रेन में अफरा-तफरी मच गई। पड़ोसी हरपालगंज स्टेशन से दूसरा इंजन मंगाया गया तब जाकर ट्रेन गंतव्य की ओर रवाना हो सकी।