देश की राजधानी दिल्ली में मदरसे के छात्र मोहम्मद आजिम की पीट-पीटकर हत्या करने के विरोध में पूर्व मंत्री और सपा विधायक आजम खां ने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ कैंडल मार्च निकाला। इस दौरान आजम खां सपा कार्यकर्ताओं और विधायकों के साथ पार्टी कार्यालय से कैंडल मार्च निकालकर गांधी समाधि पहुंचे। यहाँ पर दो मिनट का मौन धारणकर मदरसे के छात्र को खिराजे अकीदत पेश की। आजम के साथ चल रहे सपाइयों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एक ही बात लिखी थी, ‘चाहे वोट का अधिकार खत्म कर दो मगर जीने का अधिकार दे दो’
मदरसे की छात्र की हुई थी हत्या :
दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में मदरसे के छात्र मोहम्मद आजिम की पिछले दिनों पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के विरोध में आजम खां ने सपा कार्यकर्ताओं के साथ कैंडल मार्च निकाला।
इस दौरान सभी के एक हाथ में मोमबत्ती और दूसरे हाथ में तख्ती लेकर सपा कार्यालय से कतारबद्ध तरीके से पैदल गांधी समाधि तक पहुंचे। इस दौरान किसी ने ना तो कोई नारेबाजी की और ना ही किसी ने कुछ कहा। सभी कार्यकर्ताओं ने मौन धारण किए रखा। मदरसे के छात्र को श्रद्धांजलि देने के बाद आजम खां सपा कार्यकर्ताओं के साथ गांधी समाधि से वापस लौट गए।
चुप और गुमसुम नजर आये आजम खां:
इस कैंडिल मार्च में सपा नेता आजम खां सहित सभी लोग चुप और गुमसुम दिखाई दिए। ये मार्च रामपुर में गांधी समाधि पर पहुंचकर संपन्न हुआ। आजम खां ने यहां पर कोई भाषण नहीं दिया। आजम खां के हाथ में भी एक तख्ती थी।
सपा के कद्दावर नेता आजम खां आजकल अनोखे अंदाज में आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले गांधी समाधि और बी अम्मा गेट पर मौन धारण कर विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। लालपुर पुल बनवाने की मांग को लेकर कोसी नदी में मानव श्रंखला बना चुके हैं।
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