सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव का संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ पिछले 40 घंटो से हिंसा की आग में सुलग रहा है, आईजी जोन वाराणसी एसके भगत द्वारा इलाके की कमान अपने हाथों में लेने के बावजूद उपद्रवियों पर काबू नही पाया जा सका है। जिले में हिंसा किस कदर फैल गई है कि इलाके में पैरामिलिट्री फोर्स के जवानों को तैनात करना पड़ा है।

  • आजमगढ़ में जारी बवाल के बीच 18 मई तक के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।
  • मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने लिया निर्णय।
  • हिंसा की चपेट में आकर सीओ एसडीएम तहसीलदार सहित दर्जन भर पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
  • उपद्रवियों ने कई घरों में आगजनी के साथ ही लूट-पाट की घटना को भी अंजाम दिया।
  • फरिदाबाद बाजार के पास एक लकड़ी टाल में उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया. जिससे पूरा गोदाम धू-धू कर जलने लगा।
  • मामूली विवाद को लेकर आजमगढ़ के खोदादादपुर में शनिवार की रात साम्प्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी।
  • फरिदाबाद में उपद्रवियों ने एक युवक को गोली मारकर घायल कर दी, जिसके बाद फरिहां से लेकर फरिदाबाद तक हिंसा एक बार फिर फैल गई।
  • युवक की मौत से गुस्साए लोगों ने जगह-जगह रोड जाम कर पथराव किया।
  • उपद्रवियों ने रविवार की रात एक आरा मशीन और लकड़ी के टाल में आगजनी कर दी।

आईजी जोन वाराणसी ने खुद संभाली कमानः

  • हिंसा बढ़ते देखकर खुद आई जोन एसके भगत ने हिंसाग्रस्त इलाको की कमान अपने हाथो में ली।
  • आईजी ने कहा कि हिंसा फैलाने वालों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जायेगा, दोषियों पर कड़ी कार्यवाई की जायेगी।
  • इलाके में 2 कम्पनी पैरामिलिटी फोर्स, 10 पीएसी, 10 थानो की पुलिस फोर्स के अलावा आस-पास के जिलो की पुलिस फोर्स को हिंसाग्रस्त इलाको तैनात किया गया है।

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सात गिरफ्तारः

आजमगढ़ जिले में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा की घटनाओं में पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए अब तक दंगा भड़काने और अफवाह फैलाने वाले 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और एक बीजेपी नेता को हिरासत में लिया गया है।

21 नामजद और 200 अज्ञात पर दर्ज हुआ मुकदमाः

जिले के हिंसाग्रस्त इलाके में भारी पुलिस बल और पैरामिलिट्री फोर्स की कई कम्पनियां तैनाती की गई है, और इसके साथ ही यूपी पुलिस साइबर सेल सोशल मीडिया पर अफवाह फैलनों वालों पर कड़ी नजर रख रही है। पुलिस ने 21 नामजद और करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।

जिले की सीमा पर रोके गये भाजपा नेताः 

साम्प्रदायिक दंगों की सूचना मिलने के बाद गोरखपुर और लखनऊ से भाजपा का प्रतिनिधि मंडल आजमगढ़ के लिए रवाना हुआ लेकिन पुलिस ने उन्हें जिले की सीमा में प्रवेश करने से पहले ही रोक लिया। पुलिस इन नेताओं को हिरासत में लेते हुए झंगहा थाने ले गई। वहीं दूसरी तरफ पूर्व कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विधायक डॉ राधामोहन दास अग्रवाल को आजमगढ़ जाते समय पुलिस ने हिरासत में ले लिया है भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष शिव प्रताप शुक्ल और उनके साथ गोरखपुर नगर के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल, चिरंजीव चौरसिया आदि आजमगढ़ जा रहे थे, लेकिन  पुलिस ने इन तीनो नेताओं को हिरासत में लेकर झंगहा थाने ले गई है।

सीओ, एसडीएम सहित कई घायलः

जिले के निजामाबाद थाना क्षेत्र के खोदादादपुर में शनिवार को शुरू हुए उपद्रव  में सीओ सिटी केके सरोज, एसडीएम समेत कई लोग बुरी तरह घायल हो गये। जिन्हें रात में ही शहर के लाइफ लाइन अस्पताल में भर्ती कराया गया। वैसे तो चर्चा है कि सीओ सिटी के हाथ में गोली लगी है लेकिन पुलिस आलाकमान गोली लगने की बात पर खुलकर बोलने से बचता दिखाई दे रहा है। चिकित्सकों द्वारा रात में ही उनका उपचार किया गया लेकिन पुलिस विभाग ने इस मामले से मीडिया को दूर ही रखा।  मीडिया के लोग अस्पताल पहुंचे तो उन्हें वार्ड में नहीं घुसने दिया गया। जिले में उपजे बवाल के बाद जहां सीओ, एसडीएम सहित कई लोग घायल हो गये वही इसकी जानकारी मिलने के बाद आईजी जोन वाराणसी आजमगढ़ पहुचे और घटनास्थल का जायजा लेने के बाद घायल सीओं,एसडीएम से मिलने अस्पताल पहुचे। आईजी ने सीओ सिटी, एसडीएम तहसीलदार व आरक्षियों के घायल होने की बात स्वीकार की लेकिन गोली लगने की बात को वह भी टाल गये। आई जी ने बताया कि सभी घायल पूरी तरह खतरे से बाहर है।

communal violence in azamgar
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क्या है पूरा मामला?

मालूम हो कि शनिवार की रात को मामूली से विवाद को लेकर आजमगढ़ जिले के खोदादादपुर में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा रूकने का नाम नहीं ले रही है। हिंसा की चिंगारियां रह-रहकर सुलग रहीं हैं। हिंसा की चपेट में आकर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार सहित दर्जन भर पुलिसकर्मी घायल हो गये हैं। वहीं जिले के आम लोगों को भी गम्भीर चोटें आयीं हैं।

दंगे को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ा, लेकिन उसके बाद भी हालात सामान्य नहीं हुए। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। जिसके बाद किसी तरह से हालात काबू में आये।

इसके अगले दिन रविवार को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दिन भर तो जिले में शान्ति कायम रही लेकिन शाम होते-होत उपद्रवी तत्व फिर से खुलकर सामने आ गये, और अचानक फिर से हिंसा भड़क उठी। जिसमें उपद्रवियों ने फरिदाबाद बाजार के पास एक लकड़ी टाल को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद पूरा गोदाम धू-धू कर जलने लगा। वहीं अराजक तत्वों ने कई बाइक और ट्रैक्टर को भी आग के हवाले कर दिया। उपद्रवियों ने कई घरों में आगजनी के साथ ही लूट-पाट की घटना को भी अंजाम दिया था रविवार रात को जिले में दहशत का महौल रहा।

फरिदाबाद क्षेत्र में उपद्रवियों ने एक युवक को गोली मार दी, घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां युवक की हालत नाजुक बनी हुई है। घटना के बाद फरिहां से लेकर फरिदाबाद तक हिंसा एक बार फिर फैल गई। लोग सड़को पर उतर आये, लोगों ने जगह-जगह रोड जाम कर पथराव कर दिया। जिसमें कई लोग घायल हो गयें। क्षेत्र की सड़कों पर अकस्मात ही भारी संख्या में पत्थर बिखरे हुए नजर आने लगे थे प्रशासन ने बाद में इन पत्थरों को वहां से हटवाया, इस पूरे हिंसक घटनाक्रम के दौरान पिछले 24 घंटे से आजमगढ-लखनउ राज्यमार्ग को पुलिस ने बन्द करा दिया है, और आसपास के जिलों से आजमगढ़ में प्रवेश करने वालों की कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

अफवाहों से भड़की हिंसा:

हिंसा की आग को बढ़ते हुए देखकर खुद आई जोन एसके भगत ने की इलाके की कमान अपने हाथो में ले ली। इसके साथ ही पुलिस के आला अधिकारी पूरी रात हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर स्थित को सामान्य करने में जुटे रहें। आईजी जोन ने बताया कि अफवाहों के चलते हिंसा की घटना में तेजी आई है, अफवाह फैलाने वाले कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्होंने कहा कि हिंसा फैलाने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा।

जिले में अराजकता का माहौलः

मालूम हो कि आजमगढ़ के खोदादादपुर क्षेत्र में शनिवार की शाम दो पक्षों के बीच उपजे मामूली विवाद ने संघर्ष का रुप ले लिया था। जिसके बाद भड़की हिंसा के दौरान दर्जनों वाहन तोड़े गये। कई घरों में तोड़फोड़ के साथ ही लुटपाट की गई,  मंडई व एक अन्य की गुमटी जला दी गयी। उपद्रवियों की भीड़ ने दर्जनभर लोगों को अपने निशाने पर ले लिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रात करीब 9 बजे पुलिस ने आंसू गैस छोड़ कर लाठीचार्ज किया था। जिसके जवाब में उपद्रवियों की भीड़ ने भी जमकर पथराव किया। पथराव के दौरान एसडीएम व तहसीलदार निजामाबाद सहित दर्जनों पुलिस के जवान घायल हो गये थे। उपद्रव कर रहे लोगों को भी लाठीचार्ज में और भगदड़ में  चोटें आयीं थी।

communal violence in azamgarh
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घायलों अधिकारियों और पुलिसकर्मीयों से मिलने अस्पताल पहुंचे आईजीः

आईजी एस. के.  भगत ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद घायल अधिकारियों और पुलिसकर्मीयों से मिलकर उनका हालचाल पूछा। जहां पर मीडिया से मुखातिब होते हुए आईजी जोन एस. के.  भगत ने पुलिस और जिला प्रशासन को उपद्रवियों पर तत्परता से कार्यवाई करने के लिए बधाई दी। आईजी जोन ने कहा कि फिलहाल स्थति अब नियंत्रण में है। आईजी ने इस घटना में शामिल लोगों को चिन्हित करके उनपर कड़ी कारवाई करने का निर्देश दिया है।

उपद्रवियों पर होगी कड़ी कारवाई:

जिले में शनिवार की रात से जारी हिंसा के बीच सोमवार को एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत चौधरी, एटीएस के आईजी असीम अरूण भी आजमगढ़ पहुचे और स्थिति का जायजा लेने के साथ ही हिंसाग्रस्त इलाको को दौरा करने के साथ फलैग मार्च भी निकाला।

एडीजी ने बताया कि हिंसा के मामले में 21 नामजद और 150-200 अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कर 7 लोगों को गिरफतार किया गया, और अब हालात पूरी तरह से नियन्त्रण में है। इस घटना में शामिल लोगों को 2-3 दिनों के अन्दर चिन्हित कर कड़ी कारवाई की जाएगी, अफवाह फैलाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा।

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