2019 के लोकसभा चुनावों की सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर संगठन को मजबूती देने पर काम करना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही बसपा और सपा का गठबंधन लोकसभा चुनावों में बीजेपी को टक्कर देने के लिए तैयार है। हालाँकि दोनों दलों के बीच अब तक सीट बंटवारा नहीं हुआ है जिसे लेकर बीजेपी ने दोनों दलों पर आक्रामक रुख अख्तियार किया हुआ है। सपा और बसपा का गठबंधन होने पर उत्तर प्रदेश की 1 लोकसभा सीट ऐसी है जिसे लेकर पेंच फँस सकता है।
आजमगढ़ सीट पर फँस सकता है पेंच :
उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ मंडल की सीटों पर हमेशा से सपा-बसपा का कब्जा रहा है। यहां पर 1980 के बाद से कांग्रेस का जनाधार नहीं के बराबर रहा है। माना जा रहा है कि गठबंधन की स्थित में आजमगढ़ की दो सीटों में एक सपा और एक बसपा के खाते में जाएगी। यह बिल्कुल साफ है कि कांग्रेस को आजमगढ़ में कोई सीट नहीं मिलनी है। गठबंधन में बसपा आजमगढ़ की दोनों लोकसभा सीटों पर अपना दावा कर रही है। सूत्रों के अनुसार, बसपा का दावा मजबूत है कि आजमगढ़ सीट पर अब तक उसने चार बार जीत हासिल की है जबकि सपा को मात्र तीन बार जीत मिली है। कांग्रेस के लोग तो गठबंधन की चर्चा मात्र से घबराये हुए है। उन्हें पता है कि यदि गठबंधन हुआ तो उनको किसी हाल में मौका नहीं मिलना है।
सामने आये कई दावेदार :
कांग्रेस से कई दावेदार भी आजमगढ़ से लड़ने के लिए सामने आ रहे हैं। 1984 में आजमगढ़ सीट से सांसद डा. संतोष सिंह इसके सबसे मजबूत दोवदार है लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश राय भी इस लाइन में लग गए है। ओम प्रकाश ने अब तक अपने कार्य का पूरा लेखाजोखा प्रदेश नेतृत्व को पहुंचा दिया है। इसके अलावा भी कई दावेदार है जो टिकट के लिए लगे हुए हैं। ऐसी ही हालत मंडल के अन्य जिलों में भी है। यही वजह है कि पार्टी जिला इकाई के लोग भी इस मामले में कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।